चंडीगढ़, 24 मई। Hisar Violence Case के बाद जारी गतिरोध आज किसान संगठनों व जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ हुई बातचीत के साथ समाप्त हो गया।
बातचीत के सिरे चढऩे के बाद सभी किसानों ने अपने विरोध प्रदर्शन को समाप्त करने की घोषणा की।
(The farmers announced an end to their protests.)
इसके बाद विरोध प्रदर्शन में शामिल लोग वापस लौट गए।
उल्लेखनीय है कि किसान भारी संख्या में हिसार में जुट गए थे।
उनकी मौजूदगी ने हरियाणा सरकार पर तुरंत मामले को सुलटाने का दबाव खड़ा कर दिया था।
बातचीत में हिसार मंडल के आयुक्त चंद्रशेखर, पुलिस महानिरीक्षक राकेश आर्य, उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी व डीआईजी बलवान सिंह राणा ने किसान संगठन के 30 सदस्यी प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की।
बातचीत के दौरान कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए बीती 16 मई को चौधरी देवीलाल संजीवनी अस्पताल के उद्घाटन के बाद हुई हिंसा व इसके बाद के घटनाक्रम को लेकर विस्तार पूर्वक चर्चा हुई।
सरकार की विज्ञप्ति के अनुसार इस दौरान सभी मसलों पर सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत हुई।
बातचीत के दौरान 16 मई को किसानों के खिलाफ दर्ज केसों को वापस लेने के बारे में सहमति बनी।
केस वापस लेने की प्रक्रिया जल्द शुरू कर दी जाएगी।
आज के प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आते हुए मृतक रामचंद्र खर्ब के आश्रित को डीसी रेट की नौकरी देने पर सहमति बनी।
बातचीत के बाद किसान संगठनों के प्रमुख नेताओं ने आज का हिसार का विरोध प्रदर्शन समाप्त करने पर सहमति जाहिर की।
प्रशासन की ओर से किसानों से कहा गया कि भविष्य में होने वाले किसी भी विरोध प्रदर्शन के दौरान यह सुनिश्चित किया जाए कि आंदोलन आंदोलन शांतिपूर्वक व कानून के दायरे में रहकर हो।
इस पर किसान संगठन के प्रतिनिधियों ने विश्वास दिलाया कि वे आगे से प्रशासन के सरकारी कार्य में बाधा नही डालेंगे।
ताकि भविष्य में ऐसी कोई स्तिथि उत्पन्न न हो।