फेमली आईकार्ड में गलती है तो उसे जल्द नोटिफाइड सेवाओं में लाया जाएगा
चंडीगढ़, 28 सितंबर। हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने कहा कि यदि परिवार पहचान-पत्र में कोई गलती है तो उसे भी शीघ्र ही नोटिफाइड सेवाओं के तहत लाया जाएगा।
यह जानकारी गुप्ता ने यमुनानगर में जिला स्तरीय कार्यशाला के दौरान दी।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 के तहत लापरवाही करने वाले चार अधिकारियों व कर्मचारियों पर जुर्माना लगाया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि अधिनियम में प्रावधान है कि यदि लापरवाही के चलते किसी अधिकारी या कर्मचारी पर तीन बार जुर्माना लग जाता है तो उसे नौकरी से बर्खास्त किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि सेवा का अधिकार अधिनियम का उद्देश्य नोटिफाइड सेवाओं का लाभ निर्धारित समय-अवधि में सम्मानपूर्वक व सुविधापूर्वक तरीके से समाज के अंतिम व्यक्ति तक पंहुचाना है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के लिए कार्यालयों में प्राप्त होने वाले आवेदनों को रद्द करने की दर को निम्र स्तर पर लाकर सभी पात्र व्यक्तियों को लाभ सुनिश्चित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अभी तक 31 विभागों और 38 संगठनों की 546 सेवाएं इस अधिनियम के तहत नोटिफाइड की गई हैं और जनता व जन-प्रतिनिधियों के सुझाव के आधार पर किसानों, व्यापारियों व आम नागरिक के जीवन से जुड़ी अन्य सेवाओं को भी शीघ्र नोटिफाइड किया जाएगा।

गुप्ता ने बताया कि सेवा का अधिकार अधिनियम नोटिफाइड सेवाओं का निर्धारित समय-अवधि में लाभ हासिल करने का एक सशक्त माध्यम है लेकिन जानकारी के अभाव के चलते अभी तक प्रदेश के ज्यादातर लोग इन सेवाओं का पूरा लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए आयोग ने जिला स्तर पर अधिकारियों और जन-प्रतिनिधियों के लिए संयुक्त कार्यशाला आयोजित करके जागरूकता लाने का अभियान आरम्भ किया है। अभी तक प्रदेश के 16 जिलों में ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हंै और आज यमुनानगर में यह 17वां जिला स्तरीय कार्यक्रम है।
उन्होंने कहा कि गांव स्तर तक सेवाओं व उनका लाभ हासिल करने की प्रक्रिया की जानकारी देने के लिए सरपंचों व जिला पार्षदों को लिखित प्रचार सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी।
 
ऑटो अपील सॉफ्टवेयर लागू करने वाला हरियाणा देश का एकमात्र राज्य
मुख्य सूचना आयुक्त ने बताया कि पहले सम्बन्धित कर्मचारी अथवा अधिकारी द्वारा समय पर कार्य न होने के कारण लोग सेवाओं से वंचित रह जाते थे और जानकारी के अभाव में उच्च अधिकारियों को अपील नहीं करते थे। इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार द्वारा ऑटो अपील सॉफ्टवेयर ‘आस’ लांच किया गया है जिसमें ऐसा प्रावधान किया गया है कि यदि समय पर सेवा का लाभ नहीं मिलता तो आवेदक की अपील इस साफ्टवेयर के माध्यम से स्वयं उच्च अधिकारियों के पास और वहां भी समाधान न होने पर आयोग को चली जाएगी। इस सॉफ्टवेयर से सरकारी अमले की जवाबदेही सुनिश्चित होगी और लोगों को पारदर्शी तरीके से योजनाओं का लाभ मिल पाएगा।

गुप्ता ने कहा कि अधिकारियों द्वारा लोगों से आवेदन-पत्रों के साथ तरह-तरह के एफेडेविट न मांगे जाएं। दस्तावेजों को कम करना भी इस अधिनियम का उदेश्य है।