IIT Ropar develops power-free CPAP device 'Jivan Vayu'

कोरोना के मौजूदा दौर में बहुत उपयोगी है उपकरण

चंडीगढ़, 14 जून। IIT (Ropar) ने देश का पहला उपकरण ‘Jivan Vayu’ डेवलप किया है जो बिजली के बिना काम करता है। ये दोनों प्रकार की ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयों के अनुकूल है। जबकि ये प्रावधान मौजूदा Continuos Positive Airway Pressure (CPAP) मशीनों में नहीं हैं।  

चित्र 1: सीपीएपी थेरेपी के लिए जीवन वायु ब्रीथिंग सर्किट 20 सेमी H2O तक का सकारात्मक दबाव और 60 एलपीएम तक तुरंत और तेज प्रवाह दर प्रदान करता है। 

क्या है Continuos Positive Airway Pressure (CPAP) ?

CPAP उन रोगियों के लिए एक इलाज की पद्धति है, जिन्हें नींद के दौरान सांस लेने में तकलीफ यानि sleep apnea है। मशीन, सांस को आसानी से लेने के लिए वायु मार्ग को खुला रखकर हवा के हल्के दबाव का उपयोग करती है। इसका उपयोग उन बच्चों के इलाज के लिए भी किया जाता है जिनके फेफड़े पूरी तरह विकसित नहीं हैं। मशीन बच्चे की नाक में हवा भरती है ताकि उसे फेफड़े फुलाने में मदद मिल सके। कोविड-19 संक्रमण के शुरुआती चरणों में इलाज में ये और भी आवश्यक है। यह फेफड़ों की क्षति को कम करता है और रोगियों को सूजन के प्रभाव से उबरने में मदद करता है।  

Figure 2: Computer Aided Design of ‘Jivan Vayu’, optimized using flow parameters

चिकित्सकीय रूप से जरूरी सभी मानकों को पूरा करते हुए, रिसाव-रहित और कम लागत वाली सीपीएपी डिलीवरी सिस्टम -“जीवन वायु’ को 22 मिमी सीपीएपी क्लोज्ड सर्किट ट्यूब के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह ट्यूब के आकार के अनुसार भी अनुकूलित हो सकता है। चूंकि यह बिजली सप्लाई न होने की स्थिति के दौरान भी चल सकता है, इसलिए इसका इस्तेमाल एक मरीज को सुरक्षित रूप से लाने व ले जाने के लिए भी किया जा सकता है। 

Figure 3: 3D printed prototype of ‘Jivan Vayu’ a CPAP therapy device designed for accelerated
oxygen delivery

इसको डेवलप करने वाली Metallurgical and Materials Engineering की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. खुशबू राखा ने कहा कि, “मौजूदा कोविड महामारी के दौरान जब वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसे चिकित्सा उपकरणों पर लोगों के जीवन को बचाने के लिए, बिजली की सप्लाई एक प्रमुख चिंता का विषय है तो यह उपकरण समय की जरूरत है।” 

इस तरह काम करता है उपकरण

डॉ. राखा ने बताया कि इसमें हवा के प्रवेश द्वार पर एक इनबिल्ट वायरल फिल्टर होता है जिसमें वायरल प्रभाव 99.99 % होता है। वायरल फिल्टर यह सुनिश्चित करता है कि पर्यावरण से रोगजनक हवा अंदर नहीं आती है। डिवाइस को थ्री डी प्रिंटिंग का उपयोग करके बनाया गया है। ‘जीवन वायु’ ऑक्सीजन के उच्च प्रवाह (20-60 एलपीएम) को 20 सेमी H2O तक का निरंतर सकारात्मक दबाव बनाए रखते हुए वितरित कर सकता है।  

उपकरण को 5-20 सेंटीमीटर H2O के साथ पीईईपी (सकारात्मक अंत-श्वसन दबाव) के साथ 40 % से ऊपर प्रेरित ऑक्सीजन के अंश (फिओ 2) को बनाये रखने के लिए विकसित किया गया है। डॉ. खुशबू राखा और उनकी टीम ने फैकेल्टी हैड रैपिड प्रोटोटाइप लैब, सीमेंस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ सुरेश चंद के साथ डिवाइस की 3डी प्रिंटिंग के लिए सहभागिता की है। यह उपकरण चिकित्सा परीक्षण और बड़े पैमाने पर निर्माण के लिए तैयार है।

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