चंडीगढ़, 22 सितंबर। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि कोरोना काल से उबरने के बाद नौनिहालों के विकास के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।
दत्तात्रेय ने यह बात हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद् मुख्यालय का औचक निरीक्षण करते हुए अधिकारियों से कही।
उन्होंने बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक मुख्यालय पहुंच कर सभी प्रकार की गतिविधियों की जानकारी ली और बहुत ही बारीकी से कार्यालय के हर कमरे में जाकर कार्य प्रणाली का जायजा लिया।
कार्यालय के हर छोटे कर्मचारी से लेकर बड़े अधिकारी तक सबसे मुखातिब हुए और बातचीत की।
इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव अतुल द्विवेदी, परिषद् के महासचिव प्रवीन अत्री, परिषद् की उप प्रधान परिशा शर्मा व ओपी मेहरा मौजूद रहे।
दत्तात्रेय ने कहा कि पिछले लगभग दो वर्षों से कोरोना महामारी के चलते बच्चों को कईं प्रकार की समस्याओं को समाना करना पड़ा है। जिला बाल कल्याण कन्द्रों में चलाए जा रहे विभिन्न प्रकार की गतिविधियों से बच्चों को वंचित रहना पड़ा।
अब परिषद् के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की जिम्मेवारी है कि वे और ज्यादा कर्मठता के साथ बच्चों के शारीरिक, मानसिक व शैक्षणिक विकास के लिए नए कार्यक्रम प्रभावी ढंग से लागू करें।
उन्होंने कहा कि राज्य में सभी बाल भवनों, मिनी बाल भवनों में लर्निंग फैसिलिटी के तहत बच्चों की रूचि अनुसार कौशलता व पूर्व प्रशिक्षण से सम्बन्धित गतिविधियों को बढ़ाकर उनकी मेधा को विकसित करें।
इसके साथ-साथ पूनर्वास व काउसंलिग गतिविधियों को बढ़ाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि बाल भवनों में बच्चों की लाईब्ररी, क्राफ्ट सैन्टर, सन्डे कोचिंग क्लासिस व रैगुलर क्लासिस नियमित रूप से चला कर बच्चों की प्रतिभा को और विकसित किया जा सकता है।
इससे कोरोना काम में हुए गैप को पाटा जा सकता है। हम देश के भविष्य की इस कर्णधार पीढ़ी का पूरी तरह से विकास कर पाए तो निश्चित रूप से देश मजबूत और विकसित होगा।
उन्होंने अपने इस औचक निरीक्षक दौरे में भवन की साफ-सफाई, फाइलिंग, रिकॉर्ड अपडेट रखने के निर्देश भी दिए।
उन्होंने कहा कि बच्चों के विकास के मामले में परिषद् के सामने धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। प्रदेश सरकार के सहयोग से बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जाएगा।