मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय
लखनऊ : 02 सितम्बर, 2025
उ०प्र० निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025-30 के प्रख्यापन का प्रस्ताव स्वीकृत मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025-30 के प्रख्यापन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। इस नीति में प्रदेश के निर्यात को बढ़ावा देने के नवीन उपायों तथा डिजिटल तकनीकी पर विशेष बल दिया गया है। ज्ञातव्य है कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य से निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 29 अक्टूबर, 2020 को उत्तर प्रदेश निर्यात नीति 2020-25 घोषित की गई। भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति 2023 के साथ समन्वय स्थापित करते हुए, प्रदेश में प्राकृतिक एवं मानव संसाधनों की उपलब्धता तथा अन्तरराष्ट्रीय बाजार में उपलब्ध अवसरों, प्रदेश में विद्यमान सम्भावनाओं के उपयोग, युवाओं के लिए रोजगार सृजन, निर्यात की दिशा में त्वरित वृद्धि तथा प्रदेश में निर्यातपरक वातावरण के सृजन के उद्देश्य से उपयुक्त रणनीतियों को समावेशित करते हुए उत्तर प्रदेश निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025-30 तैयार की गई है।
इस नीति का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को वैश्विक मान्यता प्राप्त निर्यात हब (एक्सपोर्ट हब) के रूप में स्थापित करना है। नीति के मिशन में निर्यात के क्षेत्र में विकास एवं प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना, निर्यात प्रोत्साहन निकायों एवं निर्यात सहायक संस्थाओं को आवश्यक सहायता व सेवाएं प्रदान करना, राज्य में निर्यात में वृद्धि हेतु तकनीकी एवं भौतिक अवसंरचनाओं की स्थापना एवं विकास, निर्यात सामर्थ्य के विकास हेतु उद्योगों को आवश्यक समर्थन प्रदान करना, स्थानीय / देश में निर्मित उत्पादों हेतु वैश्विक बाजार में उपलब्ध अवसरों का चिन्हांकन करना तथा निर्यात सम्बन्धी सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को अंगीकृत करते हुए क्षमता विकास को प्रोत्साहित करना शामिल है।
प्रदेश में निर्यातकों को व्यापक समर्थन प्रदान करने हेतु प्रथम बार डाक घर निर्यात केन्द्र से होने वाले निर्यात, ई०सी०जी०सी० कवरेज पर होने वाले व्यय पर अनुदान प्रदान करने के साथ-साथ परफॉरमेन्स लिंक्ड इन्सेन्टिव्स प्रदान किए जाने की व्यवस्था नवीन नीति में की गई है। इससे प्रदेश के नवोदित निर्यातक व स्टार्टअप्स विशेष रूप से लाभान्वित होंगे। नवीन निर्यात नीति में वर्तमान प्रचलित उपादान आधारित योजनाओं में प्रदत्त विभिन्न मदवार उपादान की दरों में प्रभावी वृद्धि की गई है। साथ ही, अल्प मात्रा में निर्यात करने वाले प्रदेश के उद्यमियों को समर्थन प्रदान करने हेतु प्रथम बार एल०सी०एल० शिपमेन्ट्स पर उपादान दिया जाना भी प्रस्तावित है।
वित्तीय उपादान के अतिरिक्त नवीन नीति में ईज़ ऑफ डुइंग एक्सपोर्ट की अवधारणा पर कार्य करते हुए स्थानीय स्तर पर ट्रेड फैसिलिटेशन सेन्टर मार्केट रिसर्च, मिशन निर्यात प्रगति, प्रभावशाली शिकायत निवारण प्रणाली तथा वन स्टॉप डिजिटल इन्फॉर्मेशन हब स्थापित करने की व्यवस्था की गई है, जो निर्यातकों को अधिक जवाबदेह और मैत्रीपूर्ण ईकोसिस्टम सुनिश्चित करेगा।
भारत सरकार द्वारा चिन्हित चैम्पियन सर्विस सेक्टर के अनुरूप प्रदेश में प्रथम बार सेवा क्षेत्र के निर्यातकों को भी उपदान प्रदान किए जाने की व्यवस्था करते हुए नवीन नीति को निर्यातकों हेतु अधिक उपयोगी व मैत्रीपूर्ण बनाया गया है।
यह नीति एक्सपोर्ट नेटवर्क को विस्तारित करने पर बल देती है, जिसके अनुसार वित्तीय वर्ष 2030 तक पंजीकृत निर्यातकों की संख्या में 50 प्रतिशत तक की वृद्धि की जा सके। नीति के माध्यम से निर्यात गतिविधियों में सभी जनपदों की भागीदारी को बढ़ावा देकर क्षेत्रीय संतुलन सुनिश्चित किया जाएगा। नीति के प्रभावी क्रियान्वयन, अनुश्रवण तथा रणनीतिक निष्पादन सुनिश्चित करने के लिए निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो, उत्तर प्रदेश में प्रोजेक्ट मैनेजमेन्ट यूनिट स्थापित की जाएगी।