चंडीगढ़, 10 अगस्त। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा भारतीय सेनाओं को अत्याधुनिक हथियारों से सुसज्जित किया गया है। कोई भी देश भारत को 1962 का भारत न समझे। यदि कोई भी भारत की तरफ गलत नजर से देखने की हिमाकत करेगा तो, भारतीय सेना उसका मुंहतोड़ जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है। आज भारत 21वीं सदी का भारत है।
राज्यपाल ने मंगलवार को अंबाला छावनी में गैलेंट्री अवार्डी अभिनन्दन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इस मौके पर उन्होंने 25 गैलेन्ट्री अवार्डियों को स्मृति चिन्ह देकर उनका अभिनंदन किया। इन अवार्डियों में 10 अधिकारी व जवान हैं, जो अभी भी सेवा में हैं और देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं तथा 10 अधिकारी रिटायर हो चुके हैं और इनमें 5 वीर नारियां भी शामिल हैं।
इस मौके पर कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एन.एस. राजा सुब्रमण्यम ने राज्यपाल का स्वागत किया एवं कोर कमांडर की तरफ से उन्हें स्मृति चिन्ह देकर उनका अभिनंदन भी किया। इस मौके पर मेजर जनरल पंकज कौशिक, मेजर जनरल आर.पी. सिंह सहित अन्य सैन्य अधिकारी मौजूद थे।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे वीर सैनिकों व जवानों की बदौलत ही आज हम सुरक्षित हैं। भारतीय सेना के जवान देश की सीमाओं पर पहरा देते हुए निरंतर हमारे देश की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय थल, जल व वायु सेना अत्याधुनिक हथियारों से सुसज्जित हुई है। तीनों भारतीय सेनाओं में और अधिक समन्वय बनाने के उद्देश्य से कंबाइंड डिफेंस स्टाफ का गठन किया गया है। इससे तीनों सेनाएं तत्काल निर्णय लेकर दुश्मन सेनाओं की रणनीति को असफल बनाने में कामयाब हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने भारतीय सेना को अति आधुनिक फाईटर जैट राफेल उपलब्ध करवाकर सेना को मजबूती प्रदान की है। इसी प्रकार से सेना को एस-400 मिसाईल डिफैंस सिस्टम, ब्रह्मोस मिसाइल से सुसज्जित किया है। बहुत ही आधुनिक हाइपरसोनिक मिसाइल को विकसित कर सेना के बेड़े में शामिल किया जा रहा है। इतना ही नहीं साईबर डिफैंस एजेंसी को और अधिक सुदृढ़ किया गया है। इन सब अत्याधुनिक हथियारों से लैस होने पर आज भारतीय सेना हर बड़े से बड़े मुकाबले के लिये तैयार है।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने सदैव उत्साह से लबरेज योद्धा के रूप में देश की सीमाओं की रक्षा की है। सेना की बदौलत ही देश की एकता, अखंडता, प्रभुसत्ता और मजबूत हुई है। आजादी के बाद हुए युद्धों की बात करें तो भारतीय सेना के जाबांजों ने दुश्मन सेनाओं के हमेशा दांत खट्टे किये हैं। वर्ष 1965, 1971 व 1999 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्धों में पाकिस्तान की सेना के छक्के छुड़ाए हैं और भारत की विजयी पताका फहराई है।
राज्यपाल ने कहा कि यह अम्बाला की वह ऐतिहासिक धरती है, जहां से 10 मई 1857 को प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत हुई। इसके बाद 90 वर्ष के लम्बे संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को देश को स्वतंत्रता प्राप्त हुई। सेना में कार्यरत जवानों के जज्बे को मद्देनजर रखते हुए आज केन्द्र के साथ-साथ राज्य सरकार भी सैनिक, भूतपूर्व सैनिकों और परिवार के कल्याण के लिये पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में हरियाणा को वीर भूमि के नाम से जाना जाता है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि जब-जब भी देश को बलिदान की जरूरत पड़ी, हरियाणा के जवानों ने सदैव देश की रक्षा की है। आज भी भारतीय सेना में 10 प्रतिशत से अधिक जवान हरियाणा की वीर भूमि से हैं जबकि देश में हरियाणा का क्षेत्रफल केवल मात्र दो प्रतिशत है।
इस मौके पर राज्यपाल ने भारतीय सेना के अत्याधुनिक हथियारों, उपकरणों व टैंकों तथा युद्ध में प्रयोग होने वाले वाहनों का भी निरीक्षण किया।