चंडीगढ़, 30 सितंबर। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को जरूरी हिदायतें दी हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना (एमएमएपीयूवाई) के तहत परिवार की पहचान हो जाने के बाद, स्किल ट्रेनिंग और रोजगार या स्वरोजगार स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता देकर उस परिवार की आय 1 लाख रुपये प्रति वर्ष किया जाना सुनिश्चित किया जाए। उसके बाद इस पारिवारिक आय को 1.80 लाख करना सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने यह बात यहां विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एमएमएपीयूवाई की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। एमएमएपीयूवाई के माध्यम से 18 विभागों की कल्याणकारी योजनाओं को लाभार्थियों तक पहुंचाया जाएगा।
इस योजना के तहत पहले चरण में परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के माध्यम से 49,950 परिवारों की पहचान की गई है। प्रत्येक जिले में एक नोडल अधिकारी के नेतृत्व में क्षेत्रीय समितियां गठित की गई हैं, जो परिवारों की पहचान करने के लिए सर्वे और मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से उनका नामांकन करने के कार्य की देखरेख कर रही हैं।
मुख्यमंत्री को विभिन्न विभागों द्वारा योजना की प्रगति, प्राप्त आवेदनों और उनपर आवश्यक कार्रवाई करने के संबंध में अवगत कराया गया। करीब 19 हजार आवेदनों को विभिन्न विभागों को आगे की कार्रवाई के लिए भेजे दिया गया है।
मनोहर लाल ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि केवल पात्र लाभार्थियों को ही योजना का लाभ मिले और हर छह महीने में एक समीक्षा बैठक की जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, हरियाणा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रधान सचिव विनीत गर्ग, महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रधान सचिव जी. अनुपमा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव विजयेंद्र कुमार, हाऊसिंग फॉर ऑल विभाग के प्रधान सचिव डी. सुरेश, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, मुख्यमंत्री की उप प्रधान सचिव आशिमा बराड़ सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।