चंडीगढ़, 18 फरवरी। हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) सुधीर राजपाल ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि वे इस सप्ताह के भीतर सभी एमटीपी (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ़ प्रेगनेंसी) और अल्ट्रासाउंड केंद्रों की गहन जांच सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य प्राधिकरण के मानदंडों का उल्लंघन करने वाले ऐसे किसी भी केंद्र के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि यदि कोई डॉक्टर इन केंद्रों पर गड़बड़ी में लिप्त पाया जाता है, तो स्वास्थ्य विभाग उनके मेडिकल पंजीकरण को तत्काल रद्द करने के लिए हरियाणा मेडिकल काउंसिल को सूचित करे।
आज यहां स्वास्थ्य और महिला एवं बाल कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में श्री सुधीर राजपाल ने स्पष्ट किया कि अवैध गतिविधियों, विशेष रूप से लिंग निर्धारण और लिंग आधारित भेदभाव में शामिल लोगों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा में संतुलित लिंगानुपात सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है और हम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) कार्यक्रम की सफलता की राह पर निरन्तर आगे बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य प्राधिकरण के मानदंडों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को, विशेष रूप से लिंग निर्धारण जैसे कुकृत्यों में, बख्शा नहीं जाएगा।
साथ ही एसीएस ने मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) को सभी गर्भपात मामलों पर नज़र रखने और उनका विश्लेषण करने तथा किसी भी अनैतिक व्यवहार को रोकने के लिए एमटीपी केंद्रों पर कड़ी नजर रखने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि सभी अल्ट्रासाउंड मशीनों में कार्यात्मक ट्रैकर होने चाहिए जो लिंग निर्धारण परीक्षण किए जाने पर स्वास्थ्य अधिकारियों को एसएमएस अलर्ट भेजते हैं।
इसके अतिरिक्त, सुधीर राजपाल ने राज्य पोर्टल पर स्व-पंजीकरण करने वाली गर्भवती महिलाओं को 100 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की संभावना तलाशने का भी सुझाव दिया। विभाग द्वारा वर्तमान में इस पोर्टल पर कार्य किया जा रहा है।
बैठक में बताया गया कि हरियाणा द्वारा लिंग-चयनात्मक गर्भपात के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई करके, माता-पिता और परिवारों को परामर्श प्रदान करके, गर्भधारण पर बारीकी से नज़र रखकर और लड़कियों के महत्व के बारे में सामाजिक धारणाओं को बदलने के उद्देश्य से जागरूकता अभियान चलाकर जन्म के समय लिंगानुपात दर में सफलतापूर्वक सुधार किया गया है।
इस बैठक में डीजीएचएस डॉ मनीष बंसल, निदेशक पीएनडीटी डॉ सिम्मी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी पंचकूला, डॉ मुक्ता कुमार के साथ-साथ स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे ।