50 किलोमीटर का ट्रैवल हो जाएगा कम
चार साल में पूरी होगी परियोजना
चंडीगढ़, 22 जुलाई। हरियाणा सरकार ने ‘करनाल-यमुनानगर’ नई रेल लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना इन दो महत्वपूर्ण शहरों के बीच सीधी व तेज कनेक्टिविटी देगी।
यह परियोजना लंबे समय से पेंडिंग पड़ी हुई थी। इस बारे में राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि सितंबर, 2019 में भजी गई मसौदा रिपोर्ट में रेल मंत्रालय की तरफ से दिए गए सुझावों को शामिल करने के बाद हरियाणा सरकार ने अब परियोजना की डीपीआर को मंजूरी दे दी है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की केंद्रीय रेल मंत्री के साथ हुई विभिन्न बैठकों में राज्य सरकार ने रेल मंत्रालय के साथ इस परियोजना के संबंध में विस्तृत बातचीत करते हुए इसे आगे बढ़ाया है। हरियाणा रेल अवसंरचना विकास निगम (एचआरआईडीसी- रेल मंत्रालय और हरियाणा सरकार का एक संयुक्त उद्यम) ने 883.78 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की इस डीपीआर को अंतिम रूप दिया है। उन्होंने बताया कि यह परियोजना लगभग चार साल में पूरी होगी।
करनाल रेलवे स्टेशन से शुरु होकर जगाधरी रेलवे स्टेशन जुड़ेगी रेल लाइन
प्रवक्ता ने बताया कि प्रस्तावित करनाल-यमुनानगर नई रेल लाइन दिल्ली-अंबाला रेलवे लाइन पर मौजूदा करनाल रेलवे स्टेशन से शुरू होगी और अंबाला-सहारनपुर रेलवे लाइन पर मौजूदा जगाधरी-वर्कशॉप रेलवे स्टेशन से जुड़ेगी। उन्होंने बताया कि करनाल, पानीपत और मध्य हरियाणा के अन्य हिस्सों को सीधी कनेक्टिविटी देते हुए यह नई लाइन पूर्वी डीएफसी के लिए एक फीडर मार्ग के रूप में काम करेगी, जिसमें कलानौर स्टेशन (यमुनानगर के साथ) पर रेलवे के साथ इंटरचेंज पॉइंट होगा।
अंबाला छावनी के रास्ते करनाल से यमुनानगर तक मौजूदा रेल मार्ग से दूरी 121 किलोमीटर है। करनाल और यमुनानगर के बीच सडक़ मार्ग से दूरी 67 किलोमीटर है। इस प्रकार 64.6 किलोमीटर लम्बी यह प्रस्तावित नई रेलवे लाइन, इन दोनों शहरों के बीच सबसे छोटा लिंक प्रदान करेगी और यात्रियों के साथ-साथ माल ढुलाई के लिए यात्रा के समय को बहुत कम कर देगी।
परियोजना से प्रमुख लाभों में करनाल और यमुनानगर के बीच सीधी कनेक्टिविटी का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि यात्रा की दूरी 50 किलोमीटर कम हो जाएगी और इंद्री, लाडवा और रादौर जैसे ग्रामीण क्षेत्रों से कृषि उपज, प्लाईवुड एवं लकड़ी, औद्योगिक उत्पादों, धातु उद्योग, उर्वरकों आदि के लिए बाजार तक तेजी से पहुंचना आसान हो जाएगा। यह परियोजना हरियाणा के दक्षिणी व पश्चिमी हिस्सों को पवित्र शहर हरिद्वार से सीधे जोड़ेगी।
उन्होंने बताया कि करनाल-यमुनानगर रेल लाइन कलानौर में ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए फीडर रूट कनेक्टिविटी देगी, जिससे करनाल-यमुनानगर क्षेत्र में लॉजिस्टिक पार्कों के विकास के साथ ही परियोजना प्रभावित क्षेत्र में और उसके आसपास औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि के कारण रोजगार के साथ-साथ आर्थिक अवसर पैदा होने से लोगों के जीवन स्तर में सुधार करने में मदद मिलेगी।