चंडीगढ़, 14 सितंबर। सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिकाकर्ता की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सोनीपत जिला प्रशासन को आदेश दिए हैं कि जनहित में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-44 पर सोनीपत के पास कुंडली-सिंघू बॉर्डर पर धरनारत किसानों से एक तरफ के मार्ग पर आम लोगों को रास्ता दिलाया जाए।
इन आदेशों की अनुपालना में सोनीपत जिला के उपायुक्त ललित सिवाच ने आज सोनीपत में किसान प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की, बैठक में जिला प्रशासन व पुलिस के अधिकारी भी उपस्थित थे।
उपायुक्त ने किसानों को बताया कि एक याचिकाकर्ता मोनिका अग्रवाल की जनहित याचिका (सिविल) नंबर-249/2021 पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि जनहित में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-44 पर सोनीपत जिला में कुंडली-सिंघू बॉर्डर पर धरनारत किसानों से एक तरफ के मार्ग पर आम लोगों को आने-जाने के लिए रास्ता दिलाया जाए।
उपायुक्त ने किसानों से बात की कि वे दिल्ली से सोनीपत/पानीपत मार्ग को इसके लिए दे सकते हैं। यह मार्ग काफी जर्जर भी हो चुका है और मरम्मत की सख्त आवश्यकता है। जर्जर होने के कारण दुर्घटना होने की काफी संभावनाएं रहती हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अनुपालना में आप सब किसानों का सहयोग अपेक्षित है।
उपायुक्त सिवाच ने कहा कि किसानों के धरने के चलते भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अंतर्गत जारी राष्ट्रीय राजमार्ग-44 का निर्माण कार्य भी लंबे समय से अवरूद्ध पड़ा है, जिसके चलते लोगों को अत्यधिक असुविधाएं उठानी पड़ रही हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य पूरा होने से आम जनमानस को बहुत सुविधा मिलेगी। ऐसे में यदि किसान एक तरफ का रास्ता देते हैं तो राष्ट्रीय राजमार्ग का एक ओर का निर्माण कार्य भी जल्द पूरा हो सकेगा।
उपायुक्त के अनुरोध पर किसान प्रतिनिधियों ने इस मामले में सकारात्मक जवाब देने का आश्वासन दिया है।
इस बैठक में पुलिस अधीक्षक जशनदीप सिंह रंधावा, डीएसपी विरेंद्र सिंह, डीएसपी सतीश कुमार, भारत किसान यूनियन दोआबा के प्रेजीडेंट मंजीत सिंह, कुलदीप सिंह, जगवीर सिंह चौहान, बलवंत सिंह, मेजर सिंह पूनावाल, मुकेश चंद्र, गुरूप्रीत, जोगेंद्र सिंह, भूपेंद्र सिंह, कुलप्रीत सिंह, बलवान सिंह, करतार सिंह, सुभाषचंद्र सोमरा, सरदार सतनाम सिंह, विक्रमजीत सिंह समेत कई किसान प्रतिनिधि मौजूद थे।