महीने के दौरान सडक़ सुरक्षा सम्बन्धी राज्य भर में करवाई जाएंगी विभिन्न गतिविधियाँ
चंडीगढ़, १५ जनवरी:
पंजाब के परिवहन मंत्री स. लालजीत सिंह भुल्लर ने आज राज्य में सडक़ हादसों में होने वाली मौतों की दर घटाने के लिए सभी हितधारकों को सक्रियता से योगदान देने की अपील की।
पंजाब राज्य सडक़ सुरक्षा कौंसिल द्वारा राज्य में १५ जनवरी से १४ फरवरी, २०२४ तक मनाए जा रहे सडक़ सुरक्षा महीने की शुरुआत सम्बन्धी समारोह को संबोधित करते हुए परिवहन मंत्री ने सम्बन्धित विभागों, ग़ैर-सरकारी संगठनों और लोगों को इस निर्धारित महीने के अलावा साल भर सडक़ सुरक्षा के प्रति वचनबद्धता की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।
पंजाब सिविल सचिवालय-२ में समारोह को संबोधित करते हुए स. लालजीत सिंह भुल्लर ने मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा सडक़ सुरक्षा फोर्स (एस.एस.एफ) और लगातार निगरानी समेत लागू किए गए अन्य प्रयासों के यातायात में सुधार के सकारात्मक प्रभावों को उजागर किया। उन्होंने बताया कि पंजाब सडक़ हादसे और ट्रैफिक़-२०२२ की सालाना रिपोर्ट के अनुसार राज्य में पिछले साल के मुकाबले साल २०२२ में सडक़ हादसों में होने वाली मौतों की दर में ०.२४ फ़ीसदी कमी आई है।
स. लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि साल २०२२ में सडक़ हादसों में देश-व्यापी ९.४ फ़ीसदी वृद्धि के बावजूद पंजाब में सडक़ हादसों में ४,५७८ मौतों के साथ गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि ओवरस्पीडिंग और जानवरों से सम्बन्धित घटनाएँ मौत के प्रमुख कारणों में से एक हैं। साल २०२२ में २०८५ मौतें ओवरस्पीडिंग और ४२१ जानवरों से सम्बन्धित हादसों के कारण हुईं।
स. लालजीत सिंह भुल्लर ने च्च्फेज-३ (२०१९-२०२१) के लिए पंजाब में एक्सीडेंट ब्लैक स्पॉट्स की पहचान और संशोधनज्ज् संबंधी रिपोर्ट भी जारी की, जिसमें बताया गया कि राज्य में कुल ५८३ ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की गई और अब तक इनमें से करीब ६० प्रतिशत दुरुस्त किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि सडक़ यातायात और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा पंजाब को इस लिए भी सराहा जा रहा है कि राज्य ने सबसे अधिक ब्लैक स्पॉट की पहचान की और उनको दुरुस्त किया, जिसके नतीजे के तौर पर राज्य में राष्ट्रीय मार्गों पर ब्लैक स्पॉट्स पर ४० प्रतिशत मौतें घटी हैं और पूरे राष्ट्रीय मार्गों पर मृत्यु दर में १० प्रतिशत की कमी आई है।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि सडक़ हादसे में मौतों के कारण परिवार, रिश्तेदार और राज्य को करीब २१,००० करोड़ का नुकसान होता है, जो राज्य की जी.डी.पी. का करीब ३ प्रतिशत बनता है।
धुंध के मौसम के कारण हादसों की संभावनाओं को देखते हुए स. भुल्लर ने ट्रैफिक़ पुलिस को इस दौरान जोखिम बनने वाले भारी वाहनों को जुर्माने लगाने के निर्देश दिए।
उन्होंने सडक़ सुरक्षा में शामिल ग़ैर-सरकारी संगठनों की सराहना की और गणतंत्र दिवस के अवसर पर उनको मान्यता देने का ऐलान किया। कैबिनेट मंत्री ने इन संस्थाओं को सडक़ सुरक्षा उपायों को बेहतर बनाने के लिए सुझाव देने की अपील भी की।
मीटिंग के दौरान सचिव परिवहन स. दिलराज सिंह संधावालिया, डायरैक्टर जनरल लीड एजेंसी श्री आर. वेंकट रत्नम्, स्टेट परिवहन कमिश्नर श्री मौनीश कुमार, डायरैक्टर लोक संपर्क विभाग स. भुपिन्दर सिंह, ए.डी.जी.पी. (ट्रैफिक़) श्री ए.एस. राए, ट्रैफिक़ सलाहकार पंजाब श्री नवदीप असीजा और एन.एच.ए.आई, लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पंजाब मंडी बोर्ड और स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।
मीटिंग में एन.जी.ओ. च्अराईव सेफज् से श्री हरमन सिद्धू, च्पटियाला फाउंडेशनज् से श्री रवि आहलूवालिया, च्मयंक फाउंडेशनज् से श्री दीपक शर्मा, च्अवॉइड एक्सीडेंटज् से श्री हरप्रीत सिंह और एन.जी.ओ च्मुक्तिसरज् से श्री जसप्रीत छाबड़ा भी उपस्थित थे।
स. लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि सडक़ सुरक्षा महीने के लिए सम्बन्धित विभाग द्वारा एन.जी.ओज़ के सहयोग से विभिन्न गतिविधियाँ करवाई जाएंगी, जिनमें साइकिल/दो-पहिया वाहन रैलियाँ, परिवहन वाहनों पर रैट्रो- रिफलैक्टिव टेपें लगाना, चालकों के साथ नुक्कड़ बातचीत, सीट बैल्ट और हेलमेट संबंधी जागरूकता मुहिमें और रैड लाईट का उल्लंघन, ओवरस्पीडिंग और शराब पीकर गाड़ी चलाने के विरुद्ध विशेष मुहिम शामिल हैं। इसी तरह विभागों द्वारा अपनी मलकीयत वाली सडक़ों के किनारे उगी वनस्पती की सफ़ाई, साइन बोर्ड लगाने और स्ट्रीट लाईटों सम्बन्धी मुद्दों का हल करना और दुर्घटना वाले स्थानों की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा सडक़ सुरक्षा संबंधी वॉकथॉन, पोस्टर मेकिंग और क्विज़ मुकाबले, प्रदरशनियों और ग़ैर-सरकारी संगठनों और सडक़ सुरक्षा माहिरों के सहयोग से भाषण मुकाबले करवाए जाएंगे।
इसके अलावा परिवहन विभाग द्वारा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के सहयोग से चालकों के लिए मेडिकल/आँखों के चैकअप कैंप लगाए जाएंगे और वाहनों के लिए ओवरलोडिंग और फिटनेस सर्टिफिकेट संबंधी जागरूक किया जाएगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग द्वारा स्टाफ संबंधी जांच करने के लिए ट्रॉमा केयर सैंटरों का दौरा किया जाएगा।