चंडीगढ़, 29 अगस्त। हरियाणा सरकार द्वारा हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान जमीन अधिग्रहण से संबंधित पेश किए गए संशोधित ‘भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्वस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार (हरियाणा संशोधन)विधेयक, 2021’ के बारे में विपक्षी नेताओं द्वारा उठाए जा रहे मुद्दे को लेकर हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने आज उन विपक्षी नेताओं को ही घेरा।
उन्होंने आज यहां प्रैस कान्फ्रैंस के दौरान कहा कि जो विपक्षी नेता 9 माह पहले लोगों में भ्रम फैलाते थे कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि से संबंधित तीन कानूनों से मंडियां बंद हो जाएंगी, एमएसपी खत्म हो जाएगा वही आज उक्त संशोधित विधेयक बारे लोगों को बरगला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि न तो मंडियां बंद हुई और न ही एमएसपी खत्म किया गया, बल्कि जहां जरूरत पड़ी वहीं नई मंडियां अधिसूचित की गई हैं।
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि जमीन अधिग्रहण से संबंधित बनाए गए एक्ट के तहत विभिन्न प्रोजेक्ट्स के लिए पहले भी निरंतर जमीन को अधिग्रहित किया जाता रहा है, उसमें कुछ कोर्ट में मामला लटकने से देरी हो जाती थी जिसके कारण वर्तमान संशोधन करने की आवश्यकता पड़ी। विधेयक में संशोधन से राज्य में जलघर, अनाजमंडी, पुल, स्कूल आदि प्रोजेक्ट्स को जल्द पूरा करने में आसानी होगी।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ई-भूमि पर लोगों की सहमति से जमीन लेकर विभिन्न प्रोजेक्ट लगा रही है। उन्होंने जानकारी दी कि जनवरी 2021 से लेकर अब तक 49 प्रोजेक्ट्स के लिए ई-भूमि पोर्टल पर कई किसानों ने अपनी सहमति से करीब 845 एकड़ जमीन दी है जिसके लिए सरकार ने किसानों को लगभग 360 करोड़ रूपए का भुगतान किया है।
डिप्टी सीएम ने बताया कि एम्स रेवाड़ी के लिए किसानों ने 140 एकड़, करनाल एयरस्ट्रीप के लिए 52 एकड़, जींद में नए जलघर के लिए 46.9 एकड़, चौटाला गांव में सीवरेज ट्रिटमैंट प्लांट के लिए 20 एकड़ तथा सिरसा में नए नेशनल हाईवे पर नई अनाज मंडी के लिए 56 एकड़, फरीदाबाद जिला में यमुना नदी पर फरीदाबाद-नोएडा को जोडऩे वाले पुल व सडक़ के लिए 40 एकड़ जमीन आदि ई-भूमि पोर्टल पर किसानों ने सहमति से दी है।