ग्रामीण क्षेत्र की लड़कियां शिक्षा व खेलों में आगे बढ़े, सरकार ने ग्रामीण किशोरी बालिका पुरस्कार योजना की लागू
चंडीगढ़, 8 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की प्रदेश सरकार नारी सशक्तिकरण को पुरजोर ढंग से बढ़ावा दे रही है। सरकार की बेहतर योजनाओं का ही नतीजा है कि आज लड़कियां शिक्षा से लेकर खेलों में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता के झंडे गाड़ रही हैं। सरकार की जागरूकता की वजह से अब माता-पिता बेटियों को बोझ नहीं मानते हैं बल्कि उन्हें बेहतर शिक्षा पाने के लिए प्रेरित कर रहे है। आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि अक्टबूर, 2014 में जहां लिंगानुपात 1000 लडक़े व 871 लड़कियां थी, वहीं लड़कियों का अब यह आंकड़ा बढकऱ 932 हो गया है। बेटियों को पढऩे व खेलने की पूरी आजादी दी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र की लड़कियों को शिक्षा ग्रहण करने व अन्य विकासात्मक गतिविधियों को पूरा करने में असुविधा न हो इसको लेकर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण किशोरी बालिका पुरस्कार योजना लागू की है, जिसके तहत लड़कियों को पुरस्कृत किया जाता है। इसके परिणाम भी अच्छे आए हैं। ग्रामीण क्षेत्र में लड़कियों के शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार आया है। प्रदेश सरकार महिलाओं के स्वास्थ्य से लेकर उनकी सुरक्षा के प्रति भी गंभीर हैं।
प्रदेश सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा व उनकी हर पल मदद के लिए महिला हेल्पलाइन नंबर 1091 शुरु की। संकट में होने पर महिला उक्त नंबर पर काल करती है तो पुलिस चंद मिनट में उसकी मदद के लिए पहुंच जाती है। यह हेल्पलाइन महिलाओं के लिए बहुत कारगर साबित हुई है। दुर्गा शक्ति एप, दुर्गा शक्ति वाहिनी, दुर्गा शक्ति रैपिड फोर्स भी महिलाओं की सुरक्षा के लिए कटिबद्ध है। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के मामलों में तेजी से सुनवाई हो, इसके लिए सरकार ने 16 महिला फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित किए हैं। बस अड्डों पर महिलाओं के साथ कोई अभद्र व्यवहार न कर सकें। इसके लिए प्रदेश के सभी बस अड्डों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में बालिकाओं को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए ‘ग्रामीण किशोरी बालिकाओं को पुरस्कार योजना के अन्तर्गत दी जाने वाली अवार्ड राशि में बढ़ोतरी की है। शहरी बालिकाओं को भी इस योजना के अंतर्गत कवर किया जा रहा हैं।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने पर तीन बालिकाओं को क्रमश: 8,000 रुपये, 6,000 रुपये तथा 4,000 रुपये की राशि के पुरस्कार दिये जा रहे हैं। बारहवीं परीक्षा में खण्ड स्तर पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने पर तीन बालिकाओं को क्रमश: 12,000 रुपये, 10,000 और 8,000 रुपये की राशि के पुरस्कार दिये जाते हैं।
प्रदेश सरकार ने लड़कियों के शिक्षा के स्तर को सुधारने में अहम योगदान दिया है। आईटीआई में पढऩे वाली छात्राओं को प्रतिमाह 500 रुपये का वजीफा दिया जाता है। छात्राओं को स्कूल व कालेज में जाने के लिए रोडवेज की बसों में 150 किलोमीटर की मुफ्त यात्री की सुविधा दी गई है। महिलाओं को आवाजाही में दिक्कत हो, इसके लिए 158 मार्गों पर 173 बसें चलाई गई हैं।
प्रदेश सरकार ने पंचायतों में महिलाओं को सम्मान दिलाया है। पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व दिया गया है। बेटियों को आगे बढ़ाने व महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार ने कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। राशन डिपो के लिए भी महिलाओं को 33 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व दिया गया है। सुकन्या समृद्धि खाता योजना के तहत विभिन्न डाकघरों में 7.38 लाख खाते खोले गए हैं। प्रदेश सरकार ने गांव से लेकर शहर तक अभिभावकों को जागरूक किया है कि बेटियों को बोझ न समझें। आज बेटियां बेटों से ही आगे है हर क्षेत्र में बेटियां सराहनीय प्रदर्शन कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं। प्रदेश की बेटियां शिक्षा और खेलों में अंतरराष्ट्रीय फलक पर प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं।