चंडीगढ़, 23 जून। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कबीर जयंती पर प्रदेश के लोगों को शुभकामनाएं दी हैं।
उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि कबीर किसी एक जाति व सम्प्रदाय के नहीं थे, बल्कि वे सम्पूर्ण मानव जाति के पथ-प्रदर्शक थे। उनकी वाणी और शिक्षाएं अमर हैं और आज भी नवीन प्रतीत होती हैं।
कबीर जयंती की पूर्व संध्या पर आज यहां जारी एक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि संत शिरोमणि कबीर भक्तिकाल के ऐसे कवि हैं, जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन समाज सुधार एवं समाज हित के कार्यों में लगा दिया। वे कर्म प्रधान कवि थे, इसका उल्लेख उनकी रचनाओं में देखने को मिलता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को संत कबीर दास, संत रविदास तथा बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर जैसे महापुरूषों के जीवन एवं शिक्षाओं से अवगत करवाने के लिए प्रदेश सरकार ने उनकी जयंतियां सरकारी तौर पर मनाने की अनूठी पहल की है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे संत-महात्माओं की उच्च-आदर्शों को अपने जीवन में उतारें ताकि समाज में वैमनस्य की भावना खत्म हो और समानता, प्रेम, प्यार और भाईचारे की बयार बहे।
मुख्यमंत्री ने लोगों से यह भी अपील की कि कोविड-19 महामारी के कारण सभी त्यौहार एवं सामाजिक एवं धार्मिक कार्यक्रम सोशल डिस्टेसिंग के नियमों का पालन करते हुए मनाएं।
राज्यपाल ने संत कबीर दास को याद किया
हरियाणा के राज्यपाल ने महान कवि व संत कबीर दास को याद करते हुए प्रदेशवासियों के लिए की खुशहाली व समृद्धि की कामना की है। उन्होंने कहा कि संत कबीर द्वारा दिया गया समभाव का संदेश आज भी प्रासंगिक है, इसलिए हम सबको कबीर जी की शिक्षाओं को अनुसरण कर समाज में एकता और समभाव के संदेश को फैलाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि संत कबीर दास समाज में फैले आडम्बर के विरोधी थे। उन्होंने लोगों को एकता का पाठ पढ़ाया। एक महान कवि और लेखक दोहों के रूप में उनकी वाणी मानव को जीवन की सदैव नई प्ररेणा देती है। उन्होंने सदैव अपनी लोक प्रचलित व सरल भाषा में लिखकर मानवता का संदेश दिया जो आज भी मनुष्य को ज्ञान और अध्यात्म से जोड़ता है।