चंडीगढ़, 9 अक्तूबर। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल किसान आंदोलन के चलते लंबे समय से अवरुद्ध नेशनल हाईवे को खुलवाने के सिलसिले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले।
नई दिल्ली पहुंचे मनोहरलाल ने इस मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि बातचीत जारी है और 20 अक्तूबर को हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी।
उन्होंने बताया कि किसान नेताओं को भी पार्टी बनाया गया है। इससे पहले किसान संगठनों के साथ कोई सहमति बनती है तो सही है। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार राजमार्गों को खुलवाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों से उनके विरोध प्रदर्शन व आंदोलन के दौरान शांति बनाए रखने की सदैव अपील की जाती रही है और केंद्रीय गृह मंत्री ने भी यही अपेक्षा की है।
इससे पहले अमित शाह से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने हरियाणा में अन्य स्थानों भी पर किसानों द्वारा किए जा रहे धरना-प्रदर्शनों की स्थिति के बारे केंद्रीय गृह मंत्री को अपडेट दिया।
उल्लेखनीय है कि तीन कृषि अधिनियमों का विभिन्न किसान संगठनों द्वारा विरोध किए जाने के परिणामस्वरूप काफी लंबे समय से हरियाणा में दिल्ली के साथ लगते सिंघू बार्डर व टिकरी बार्डर पर राष्ट्रीय राजमार्ग अवरूद्ध हैं।
नेशनल हाईवे अवरूद्ध होने के परिणामस्वरूप आम जनता विशेषकर सिंघू बार्डर व टिकरी बार्डर के निकटवर्ती औद्योगिक क्षेत्र व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए परेशानी बनी हुई है। आसपास के लोगों द्वारा अवरूद्ध हुए राजमार्गों को खुलवाने के लिए लगातार मांग भी की जा रही है।
मनोहरलाल से मिले सिंघु बॉर्डर के आसपास के गांव के किसान
किसान संगठनों के विरोध के परिणामस्वरूप हरियाणा में सिंघु बार्डर पर अवरूद्ध नेशनल हाईवे को खुलवाने की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में सोनीपत जिला के विभिन्न गांवों के किसानों ने आज नई दिल्ली में हरियाणा भवन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल को एक ज्ञापन दिया।
मुख्यमंत्री ने उन्हे आश्वस्त किया कि इस संदर्भ में सभी प्रयास जारी हैं, बातचीत जारी है और आशा है कि प्रदेश में अवरूद्ध हुए राष्ट्रीय राजमार्ग शीघ्र खुल जाएंगे।
गौरतलब है कि सिंघु बार्डर पर रास्ता खुलवाने की मांग को लेकर आज ताहर सिंह चौहान-सह-संरक्षक भारतीय किसान संघ हरियाणा की अध्यक्षता में किसानों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलने के लिए हरियाणा भवन, दिल्ली पहुंचा था ।
उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे अवरूद्ध होने की स्थिति में दूसरे सड़क मार्गों पर वाहनों के अधिक दबाव के परिणामस्वरूप टूट चुके सड़क मार्गों की एक माह में मरम्मत करवाने के निर्देश दिए गए हैं।