चंडीगढ़, 22 जून। पंजाब राज्य को विकसित करने में विकास अथॉरिटियों सम्बन्धी भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार का फ़ैसला अहम भूमिका निभाएगा। उक्त प्रगटावा एक प्रैस बयान के द्वारा कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ई. टी. ओ. ने आज यहां किया।
उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य के सभी स्थानीय विकास बोर्डों के चेयरमैन के तौर पर मुख्य सचिव को नियुक्त करने के फ़ैसला से राज्य के विकास सम्बन्धी मामलों को मंजूरी मिलने की कार्यवाही में तेज़ी आयेगी और आम लोगों को लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों पर राज्य के अधिकारियों ने गुजरात सरकार की तरफ से अहमदाबाद शहरी विकास अथॉरिटी, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नोएडा, मेरठ, कानपुर और लखनऊ जैसी शहरी योजना बंदी संस्थाओं की कार्यप्रणाली सम्बन्धी की गई तबदीली और उनके प्रभावों का अध्ययन किया गया और इस मॉडल के प्रभावों को अच्छी तरह अध्ययन करने के उपरांत इसके निष्कर्षों के बारे में सरकार को अवगत करवाया गया जिसके बाद पंजाब क्षेत्रीय और शहरी योजनाबंदी और विकास ( पी. आर. टी. पी. डी.) एक्ट की धारा 29(3) में संशोधन सम्बन्धी फ़ैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फ़ैसले से ग्रेटर मोहाली एरिया डिवैल्पमैंट अथॉरिटी (गमाडा), ग्रेटर लुधियाना डिवैल्पमैंट अथॉरिटी (गलाडा) और पंजाब शहरी विकास अथॉरिटी (पुड्डा) जैसी प्रमुख विकास संस्थाओं से सम्बन्धित मामलों को अधिकारी जल्द सम्पूर्ण करेंगे जिससे सिर्फ़ राज्य के लोगों को ही फ़ायदा होगा। उन्होंने कहा कि यह तबदीली विकास अथॉरिटियों की कार्यवाही को सुचारू बनाने और समय पर फ़ैसले लेने को यकीनी बनाने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि शक्तियों के विकेंद्रीकरण की दिशा में एक बड़ा फ़ैसला है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि इसके इलावा विकास अथॉरिटियों की फ़ैसला लेने की प्रक्रिया में राजस्व, उद्योग, जल सप्लाई और सेनिटेशन और अन्य विभागों को शामिल करने का फ़ैसला भी अंतर-विभागीय तालमेल को बढ़ाने में मददगार साबित होगा।
उन्होंने कहा कि विरोधी दल राज्य के लोगों को गुमराह करने के लिए इस मामले सम्बधी मनगढ़ंत बयानबाज़ी कर रहे हैं।