नई दिल्ली, 28 जुलाई। ‘प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अंग्रेजी हुकूमत की ‘फूट डालो और राज करो’ नीति से चार कदम आगे बढ़ती हुई लड़ाओ और राज करो’ की नफरत भरी नीति पर उतर आई है। इस सिलसिलों में किसान आंदोलन को तोडऩे की भद्दी चालें चल रही है। जिससे काले कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को तोड़ा जा सके।’’
यह ब्यान आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान ने बुधवार को संसद के बाहर आज लगातार 7वीं बार संसद में ‘काम रोको प्रस्ताव’ पेश करने के दौरान दिए।
मान ने कहा कि काले कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए जारी किसान आंदोलन देश के लोगों में बड़े स्तर पर जागृति पैदा कर रहा है। मान ने कहा कि शहीद-ऐ-आजम भगत सिंह, भारतीय संविधान के निर्माता डा. भीम राव अम्बेडकर और सर छोटू राम के सपनों का देश बनाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार को चलता करना बहुत जरूरी है।
भगवंत मान ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार किसान आंदोलन की देश व्यापक सफलता को देख कर घबरा गई है। ‘आप’ सांसद ने नरेंद्र मोदी सरकार को चेतावनी दी कि वह किसान आंदोलन को बदनाम करने से बाज आ जाए। उन्होंने किसान आंदोलन के नेताओं को सचेत रहने की अपील करते कहा कि काले कृषि कानून रद्द करवाने के लिए किसान नेताओं की एकता बहुत जरूरी है। मान ने कहा कि देश के ‘अन्न और धन’ को तिजोरी में बंद होने से बचाने के लिए किसान, मजदूर, विद्यार्थी और सहृदय राजनीतिक नेताओं में एकता होना समय की जरूरत है।
संसद में लगातार सातवीं बार ‘काम रोको प्रस्ताव’ पेश करते भगवंत मान ने कहा कि कृषि प्रधान देश में खेत और किसान की बात सडक़ों पर तो जरूर होती है, परन्तु देश की संसद में खेत और किसान की बात नहीं की जा रही।