चंडीगढ़,27 अगस्त। आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने केंद्र सरकार से कोरोना महामारी (मार्च 2020) से पहले भारत आए न्यूजीलैंड वीजा धारकों के मामले को न्यूजीलैंड सरकार के सामने उठाने की मांग की है।
पार्टी के अनुसार 19 मार्च 2020 के बाद न्यूजीलैंड सरकार ने अपनी सीमा को बंद कर दिया था जिस कारण वीजाधारक पिछले 17 महीने से भारत में फंसे हुए हैं। जिस कारण 500 से अधिक भारतीय विशेषकर युवाओं का आर्थिक तथा सामाजिक तौर पर भारी नुकसान हो रहा है।
इनमे 300 से अधिक पंजाब के युवा शामिल हैं। इसलिए पंजाब सरकार को चाहिए इस गंभीर मामले को केंद्र सरकार के सामने उठाए।
शुक्रवार को यहां इन युवाओं के साथ एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि केंद्र सरकार को न्यूजीलैंड के इन ओपन वर्क परमिट, स्टूडेंट वीजा, पार्टनर वीजा, एसेंशियल स्किल वीजा तथा अन्य श्रेणियों के वीजा धारकों के मामले को लेकर न्यूजीलैंड सरकार से बात करनी चाहिए, क्योंकि वे विभिन्न कारणों से कुछ समय के लिए न्यूजीलैंड से अपने देश आए थे लेकिन, कोविड 19 के प्रतिबंधों के कारण न्यूजीलैंड नहीं लौट सके। जिस कारण उनके न्यूज़ीलैंड के घरों में दस्तावेज, प्रमाणपत्र, कपड़े, कार और अन्य घरेलू सामान खराब हो रहे हैं। इतना नहीं अपने घरों से दूर और आर्थिक तंगी के चलते ये लोग अपने वाहनों, घरों और अन्य जरूरी वस्तुओं की किस्त देने में भी असमर्थ है जिस से उनका आर्थिक, पारिवारिक और सामाजिक जीवन प्रभावित हो रहा है।
चीमा ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह से समस्या के समाधान को लेकर दिलचस्पी दिखाने को कहा। उन्होंने कहा कि अगर भारत सरकार और राज्य गंभीर होते तो युवा इस तरह ठोकरें खाने को मजबूर नहीं होते।
न्यूजीलैंड के वीजा धारक जगविंदर सिंह ने बताया कि न्यूजीलैंड सरकार ने भारत से जाने वाले पंजाबियों की एंट्री पर पाबंदी लगाई हुई है,जबकि अन्य देशों के क्रिकेटरों,खिलाडिय़ों, गायक, नैनी, अन्य खिलाड़ी व कलाकार आदि की एंट्री पर कोई पाबंदी नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारत से जाने वाले लोग न्यूजीलैंड सरकार की कोरोना संबंधी सभी हिदायतें मानने के लिए तैयार हैं। इस मौके पर वीजाधारक जगदीप सिंह, चेतन, गगन सिंह, दविंदर सिंह, रमनदीप कौर तथा हरप्रीत सिंह आदि मौजूद थे।