चंडीगढ़, 8 सितंबर। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने प्रदेशवासियों को विश्व साक्षरता दिवस पर बधाई देते हुए कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 देश में साक्षरता के शत प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने में मील का पत्थर साबित होगी।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत प्राईमरी शिक्षा में मातृ-भाषा के साथ-साथ स्थानीय भाषाओं में भी शिक्षा देने का प्रावधान किया गया है, जिससे बच्चों का शिक्षा और स्कूलों के प्रति अधिक रूझान बढ़ेगा और शिक्षा भी रूचिकर होगी।
इसके साथ-साथ शिक्षा नीति में तीन साल तक के बच्चों को आगंनवाडी व बालवाटिकाओं में प्री-स्कूल तक की शिक्षा फाउंडेशन स्तर, बहुस्तरीय, खेल गतिविधियों पर आधारित शिक्षा की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि प्रारम्भिक शिक्षा में नाटक, खोज, गतिविधि आधारित तथा इंटरैक्टिव प्रणाली का प्रावधान किया गया है। इसलिए यह कहा जा सकता है कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश में निरक्षरता का जड़मूल से खात्मा करने में कारगर सिद्ध होगी।
दत्तात्रेय ने कहा कि प्रदेश में निरक्षरता को खत्म करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने 2000-2001 में “सर्व शिक्षा अभियान” की शुरुआत की थी।
उनका मुख्य उद्देश्य था कि 6 से 14 साल तक के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना। वर्तमान मे सर्व शिक्षा अभियान देश और प्रदेश में साक्षरता दर को बढ़ाने में सफल सिद्ध हो रहा है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में इस समय साक्षरता दर 68 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय साक्षरता दर से चार प्रतिशत अधिक है।
इसी प्रकार से पुरूषों में साक्षरता दर 78.5 प्रतिशत और महिलाओं की साक्षरता दर 56 प्रतिशत है। यह भी राष्ट्रीय साक्षरता दर से कहीं ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में साक्षरता दर को शत प्रतिशत तक ले जाना सरकार के साथ-साथ शिक्षक वर्ग और हम सबकी सामाजिक जिम्मेवारी है।
दत्तात्रेय ने कहा कि महिलाओं में साक्षरता दर को बढ़ावा दिया जाना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा सर्व शिक्षा अभियान के तहत कई प्रभावी कार्यक्रम व योजनाएं लागू की गई हैं।
उन्होंने शिक्षण संस्थाओं से अपील की है कि वे सरकार के साथ-साथ अपने स्तर पर भी साक्षरता से जुड़े कार्यक्रम चलाएं। जिनसे अधिक से अधिक से लोग (पुरूष व महिलाएं) शिक्षा पाकर अपने जीवन में नई रोशनी ला सकें।