चंडीगढ़, 9 अगस्त। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि नई शिक्षा नीति के लागू होने से पूरे देश में एक नए युग की शुरुआत हुई है।
राज्यपाल विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं कुलसचिव की कार्यशाला के शुभारम्भ अवसर को सम्बोन्धित कर रहे थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल एवं शिक्षा मंत्री कंवर पाल भी मौजूद रहे।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा की क्रान्ति में हम सबको बढ़-चढ़ कर भाग लेना है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने में विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
इस नीति के तहत विश्वविद्यालयों में मौजूदा मांग के अनुसार नए रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
दत्तात्रेय ने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य समन्वय स्थापित करना।
नई शिक्षा नीति छात्रों के लिए हितकर होगी
उन्होंने कहा कि इस नीति में मल्टीपल एंट्री और एग्जिट व्यवस्था लागू की गई है, जो कि छात्रों के लिए हितकर होगी।
नीति की विशेषता है कि इसमें वैज्ञानिक व सामाजिक अनुसंधान कार्यों को ‘‘नैशनल रिसर्च फाउडेशन’’ बनाकर नियंत्रित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि शिक्षा के आयाम को उच्च स्तर पर ले जाने का मुख्य ध्येय बनाएं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में नई शिक्षा नीति के सारे प्रावधान 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस लक्ष्य को पूरा करने में विश्वविद्यालयों को अहम योगदान रहेगा।
उन्होंने कहा कि मेडिकल शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, उच्चतर शिक्षा के ग्रेड को ऊंचा उठाया जाए, इसके लिए पहल करनी होगी।
उन्होंने कहा कि हरियाणा राष्ट्रीय राजधानी के नजदीक होने से विदेशी छात्रों के आकर्षण का केंद्र बन सकता है।
इसी प्रकार शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रदेश को विख्यात बनाना है।
(Similarly, the state has to be made famous in the field of education.)
मुख्यमंत्री ने कहा कि नकल पर अकुंश लगाने के लिए नई तकनीक विकसित करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि युवा सकारात्मक ढंग से अपने ज्ञान को बढ़ाएंगे तो उनके ज्ञान का सदुपयोग हो सकेगा।