चंडीगढ़, 25 जून। निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूलों के प्रदेशाध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि 15 माह से अधिक समय से प्राइवेट स्कूल कोरोना की मार झेल रहे है, ऐसे मे उन्हें उम्मीद थी कि हरियाणा सरकार उनके लिए राहत की घोषणा करेगी परंतु सरकार और शिक्षा विभाग राहत की जगह प्राइवेट स्कूलों पर आफत बन कर टूट पड़ा जैसे-प्राइवेट स्कूल हरियाणा के बच्चों को पढ़ा कर कोई गैर कानूनी कार्य कर रहे हों।
शर्मा ने कहा सरकार की इस प्रकार गैर कानूनी कार्यवाही संविधान द्वारा स्थापित कानून की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाना है, उन्होंने कहा कि कानून में स्पष्ट प्रावधान है कि किसी भी विद्यार्थी को विद्यालय बदलने पर पूर्व विद्यालय से विद्यालय छोड़ने का प्रमाण पत्र लेना आवश्यक है परंतु सरकार के समर्थन से सरकारी विद्यालयों के प्रधानाचार्य बिना इस कानूनी औपचारिकता के प्राइवेट स्कूल के बच्चों को अपने विद्यालय में दाख़िल कर रहे है ।
उन्होंने कहा ऐसे में प्राइवेट विद्यालय का सरकार से विश्वाश ही उठ गया है, उन्होंने पत्रकारों के समक्ष कहा क्या सरकार का कार्य आम नागरिकों और संस्थाओं के अधिकारों की रक्षा करना है या मुसीबत के समय जब वह सरकार से मदद की अपेक्षा कर रहे हो उन्हें अपनी ताकत दिखा उनके अधिकारों को कुचलना । उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर निसा द्वारा उच्च न्यायालय में केस दाखिल किया हुआ है, परन्तु अधिकारियों को ना लगता कानून का डर है ही नही और वह अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर अपने सरकारी स्कूलों में बच्चों का दाखिला बढ़ाना चाहती है, उन्होंने कहा कि निसा और फेडरेशन ने इस गैर कानूनी कार्यवाही के विरुद्ध निदेशक हरियाणा, मौलिक निदेशक हरियाणा और सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को ऐसे गलत तरीके से दाखिला करने वाले लोगो के खिलाफ आईटी एक्ट और हरियाणा स्कूल एजुकेशन रूल्स के खिलाफ कार्य करने पर कानूनी कार्यवाही करने को नोटिस भेजा है और उम्मीद जताई है कि कानून विरुद्ध कार्य करने वाले प्रिंसिपल के खिलाफ़ कार्यवाही करने की मांग की है ।
इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष डॉक्टर अमित मेहता, प्रदेश महामंत्री बलदेव सैनी, डॉक्टर वरुण जैन, पंकज सिधाना, धर्मपाल सैनी, विकास धीमान और चंद जाफरान भी मौजूद रहे I
उन्होंने माँग की है कि हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों की 134-ए की पेंडिंग राशि भी तत्काल प्रभाव से स्कूलों को जारी की जाए उन्होंने हरियाणा के अलग अलग जिलों से जानकारी जुटाई जिसमें अम्बाला -14, भिवानी- 2, फरीदाबाद- 8, फतेहाबाद- 2, हिसार-1 जींद-6 कैथल-13 करनाल-1 कुरुक्षेत्र-14, मेवात-7, पलवल-8, पंचकूला-8, पानीपत-1 रेवाड़ी-1,रोहतक-11,सिरसा-19, सोनीपत-3, यमुनानगर-1 से कुल 120 से ज्यादा स्कूलों ने अपना डेटा दिया। प्राइवेट स्कूलों से जानकारी जुटाई है जो वर्ष 2014-15 का 2744209 रुपये, वर्ष 2015-16 का 4212390रुपये, वर्ष 2016-17 का 5358150रुपये, वर्ष 2017-18 का 8491198रुपये,वर्ष 2018-19 का 12865302रुपये,वर्ष 2019-20 का 17275625 रुपये की राशि लम्बित है । सरकार तुरंत यह राशि जारी करे ।
एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव बलदेव सैनी और वरुण जैन ने कहा अब जब प्रदेश में कोरोना लगभग नियंत्रण में है तो ऐसे में 15 माह से बंद पड़े स्कूलों को सरकार को सुरक्षित गाइड लाइन बनाकर खोलने की प्रक्रिया तेलंगाना और उत्तर प्रदेश की तर्ज पर शुरू कर देनी चाहिए, उन्होंने बताया कि एसोसिएशन द्वारा कराए गए एक सर्वे क्या स्कूल खुलने चाहिए या नही ? में लगभग 7000 से अधिक अभिभावकों ने अपनी राय दी है जिसमे छात्रों और अभिभावकों ने भाग लिया सर्वे में निम्न तरह के प्रश्न पूछे गए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को तुरंत संज्ञान लेते हुए गैरकानूनी तरीके से विद्यार्थियों के सरकारी विद्यालयों में हस्तांतरण पर रोक लगानी चाहिए जिससे कानून और विभाग पर प्राइवेट स्कूलों का विश्वास बहाल हो ।