चंडीगढ़, 5 जून। हरियाणा के विपक्ष ने नीति आयोग (Niti Aayog) के प्रदेश से जुड़े आंकड़ों को मुद्दा बनाकर सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं।
राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि केंद्र सरकार के Niti Aayog ने हरियाणा सरकार के सभी दावों की हवा निकाल दी है।
हुड्डा ने कहा कि आयोग द्वारा राज्यों की तरक्की के जो प्रमुख मापदंड तय किए गए थे उनमें हरियाणा पिछड़ गया है।
आर्थिक वृद्धि और उद्योगों से जुड़े मानकों में हरियाणा का स्थान गिरा है।
जिसके चलते प्रदेश में बेरोजगारी दर साल 2019 के मुकाबले और ज्यादा बढ़ गई है।
मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स में रोजगार घटा है।
जबकि, राजनितिक और भौगोलिक परिस्थिति के हिसाब से हरियाणा में बेरोज़गारी दर देश में सबसे कम होनी चाहिए।
इसके विपरीत अपराधों में बढ़ोत्तरी हुई है।
Niti Aayog द्वारा तय भुखमरी खत्म करने के मानक में मामूली सुधार हुआ है
उन्होंने यह भी कहा कि Niti Aayog द्वारा तय भुखमरी खत्म करने के मानक में मामूली सुधार हुआ है।
जिसका श्रेय सरकार को नहीं, किसानों को जाता है।
सांसद ने कहा कि 7 साल पहले हुड्डा सरकार के दौरान हरियाणा पहले पायदान पर था।
दुःख की बात ये है कि वही हरियाणा आज बेरोजगारी और अपराध में नंबर 1 बन गया है।
Niti Aayog की रिपोर्ट में हमारा प्रदेश पहले स्थान से नीचे खिसक कर 14वें स्थान पर पहुँच चुका है।
दीपेन्द्र हुड्डा ने यह भी जोड़ा कि बेरोज़गारी का सीधा रिश्ता अपराध से है।
हरियाणा में जिस तेज़ी से बेरोज़गारी बढ़ रही है उसी तेज़ी से अपराध भी बढ़ रहे हैं।
ऐसा कोई दिन नहीं बीतता जब पूरे हरियाणा से हत्या, लूट, डकैती और चोरी की ख़बरें न आती हों।
Niti Aayog की रिपोर्ट बताती है कि हरियाणा में हत्या जैसे जघन्य अपराध का ग्राफ बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि सरकार झूठे सब्जबाग दिखाना बंद करे।
अपनी नाकामियों को आंकड़ों की हेराफेरी के नीचे दबाने की बजाय प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिये प्रयास करे।