शिमला, 24 अगस्त। हिमाचल प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज यहां हिमाचल परिवहन विकास एवं सड़क सुरक्षा परिषद की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा के साथ-साथ सड़क सुरक्षा से संबंधित व वर्ष 2024-25 की कार्य योजना पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2024-25 में सड़क सुरक्षा के अंतर्गत 23.92 करोड़ रुपये की राशि परिवहन, पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा, लोक निर्माण विभाग द्वारा विभिन्न कार्यों पर व्यय की जा रही है। विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ के तहत विभिन्न हितधारक विभागों के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों के परिणामस्वरूप गत वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में 13 प्रतिशत और मुत्यु दर में 14.6 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
उप-मुख्यमंत्री व परिषद के अध्यक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने निर्देश दिए कि सड़क सुरक्षा के तहत चल रहे विभिन्न कार्यों एवं गतिविधियों को सभी हितधारक विभाग तत्परता से पूर्ण करें और इसकी नियमित तौर पर निगरानी और समीक्षा करना सुनिश्चित करें।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों विशेष कर पांवटा साहिब से ऊना में सड़क सुरक्षा संबंधी अवैध गतिविधियों पर निगरानी रखने के उद्देश्य से चरणबद्ध तरीके से सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं ताकि सड़क सुरक्षा की दृष्टि से प्रदेश के समीवर्ती क्षेत्रों में अवैध गतिविधियों को रोका जा सके।
यह भी निर्णय लिया गया कि सड़क सुरक्षा के अंतर्गत की जाने वाली सभी गतिविधियों व योजनाओं पर परिवहन विभाग सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ के सूचना पट्ट लगाए जाएं।
बैठक में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सड़क सुरक्षा समिति के अधिनियम व नियम तैयार करने के लिए जारी आदेशों के बारे में भी अवगत करवाया गया। उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सड़क सुरक्षा अधिनियम तैयार किए जाएं और आवश्यकतानुसार प्रस्ताव लाया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ में तैनात विभिन्न हितधारक विभागों के अधिकारी भी सड़क सुरक्षा के अंतर्गत विभागों द्वारा की जा रही गतिविधियों का नियमित रूप से निरीक्षण एवं निगरानी करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ को सशक्त करने के लिए स्टाफ की कमी को दूर करने के संबंध में प्रस्ताव भेजा जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि शिमला शहर में ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के उद्देश्य से ‘नो हॅार्न’ अभियान चलाया जाए व पूरे प्रदेश में भी ‘नो हॅार्न’ जागरूकता पुस्तिकाएं बांटी जाए। बैठक में परिषद के विभिन्न सदस्यों सहित हितधारक विभागों के विभागााध्यक्षों एवं अन्य प्रतिनिधियों ने भाग लिया।