चंडीगढ़, 8 सितंबर। हरियाणा पुलिस आवास निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. आर.सी. मिश्रा ने कहा कि राज्य में पुलिस विभाग सहित अन्य के बुनियादी ढांचे के विस्तार से जुड़े कामों को पूरा करते हुए अधिकारियों को कंस्ट्रक्शन की क्वालिटी पर फोकस करना चाहिए।
यह बात मिश्रा ने नूंह जिले के आईआरबी, पुलिस परिसर, टूंडलका का दौरा करते हुए कही।
उन्होंने कांप्लेक्स में चल रही विभिन्न निर्माण गतिविधियों का भी निरीक्षण किया।
उनके साथ पुलिस महानिरीक्षक, आईआरबी, भोंडसी, डॉ. हनीफ कुरैशी और निगम के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने प्रस्तावित भवनों आदि की ड्राइंग व लेआउट को देखा और अधिकारियों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा परिसर में प्रथम चरण में कमांडेंट कार्यालय, प्रशासनिक ब्लॉक, बैरक, मैस, गेस्ट हाउस के निर्माण के लिए 28.75 करोड़ रुपये की प्रशासनिक मंजूरी दी गई है।
आईआरबी बटालियन के लिए 86 एकड़ भूमि में परिसर का विकास किया जाना है।
पहले चरण में आईआरबी की दो कंपनियों के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा।
साइट पर चारदीवारी और ऑब्जर्वेशन टावर का काम शुरू कर दिया गया है।
पुलिस विभाग ने एक कंपनी को अस्थायी रूप से परिसर में स्थानांतरित कर दिया है।
मिश्रा ने निर्माणाधीन जेल नूंह परिसर का भी दौरा किया और 31 अक्टूबर तक सभी तरह से काम पूरा करने के निर्देश दिए।
बाद में उन्होंने भोंडसी में आईजी आईआरबी भोंडसी और निगम के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक भी की।
बैठक में जानकारी दी गई कि भविष्य की परियोजनाओं अर्थात 32 गजेटिड अधिकारियों के आवास, 4 एसपी और उससे ऊपर के लिए आवास, ट्रिपल मंजिला बैरक आदि को परिसर के अधिकारियों के उचित परामर्श के साथ अंतिम रूप दिया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण मैदानों को अपग्रेड किया जा सकता है और इस परिसर के लिए सीआरपीएफ परिसर की ओर, कादरपुर की ओर और जेल की ओर प्रवेश के लिए तीन प्रवेश द्वार की योजना बनाई जा सकती है।
परिसर में जलापूर्ति व्यवस्था के लिए जीएमडीए अधिकारियों से संपर्क किया जा सकता है। जीओ मेस में सम्मेलन हॉल की योजना बनाई जा सकती है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि गुरुग्राम कमिश्रनेट के लिए निर्माणाधीन 576 मकानों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
साथ ही 59 एकड़ भूमि के मास्टर प्लान को भी आईजी, आईआरबी द्वारा अंतिम रूप दिया जाना चाहिए और डीजीपी, पंचकूला को भेजा जाना चाहिए।