कांगड़ा, 15 अगस्त। हिमाचल प्रदेश में 78 वां स्वतंत्रता दिवस पूर्ण जोश, उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर प्रदेशभर में राज्य, जिला और उप-मंडल स्तर पर कार्यक्रमों का भव्य आयोजन किया गया।
कांगड़ा जिले के देहरा में शहीद भुवनेश डोगरा मैदान में पहली बार राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और मार्च पास्ट की सलामी ली। परेड में राज्य पुलिस, जिला पुलिस, आईआरबी सकोह, आईआरबी पंडोह, उत्तराखंड आईआरबी सशस्त्र बल, ट्रैफिक पुलिस, एसएसबी सपड़ी, गृहरक्षक, एनसीसी और भारत स्काउट्स एंड गाइड्स की टुकड़ियां शामिल हुईं। परेड का नेतृत्व परिवीक्षाधीन आईपीएस कमांडर सचिन हीरेमठ ने किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने देहरा में राज्य विद्युत बोर्ड का अधीक्षण अभियंता कार्यालय, जल शक्ति विभाग का अधीक्षण अभियंता कार्यालय और खंड चिकित्सा कार्यालय खोलने की घोषणाएं की। उन्होंने वन अधिकार अधिनियम के तहत पौंग बांध विस्थापितों के स्वामित्व के दावों का समाधान करने की भी घोषणा की। उन्होंने 10 ग्राम पंचायतों में 500 किलोवाट तक की क्षमता वाली सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करके उन्हें हरित पंचायत में परिवर्तित करने की भी घोषणा की।
सुक्खू ने मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के तहत एकल महिला परिवारों, निराश्रित महिलाओं, विधवाओं और विकलांग माता-पिता के 18 वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए 1000 रुपये की मासिक सहायता की घोषणा की। सरकार इन बच्चों का आईआईटी, आईआईएम, मेडिकल कॉलेजों और पीएचडी कार्यक्रमों में 27 वर्ष की आयु तक की शिक्षा का खर्च भी वहन करेगी। यदि निःशुल्क छात्रावास आवास उपलब्ध नहीं है, तो राज्य सरकार पीजी आवास के लिए 3000 रुपये प्रतिमाह की सहायता भी प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री ने 75 वर्ष और इससे अधिक आयु के पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों के पेंशन एरियर का इस वित्त वर्ष में पूरा भुगतान करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रयासरत है और आगामी वर्षों में कर्मचारियों और पेंशनरों की देनदारियों का चरणबद्ध तरीके से भुगतान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 15 हजार जीएसटी विरासत मामलों के समाधान के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी ताकि प्रभावितों को राहत मिल सके। प्रदेशवासियों को 78वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अथक प्रयासों के साथ प्रदेश की वित्तीय स्थिति को सुधारने में लगी हुई है और इस दिशा में बहुत कुछ हासिल भी कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि वित्तीय चुनौतियों के बावजूद राज्य सरकार ने कर्मचारियों के हित में कई फैसले लिए हैं। राज्य सरकार की नीतियों से प्रदेश को एक वर्ष में 2200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है।
देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सूपतों को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मेजर सोमनाथ शर्मा को देश का पहला परमवीर चक्र प्राप्त होने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा सहित चार परमवीर चक्र विजेता, दो अशोक चक्र, 11 महावीर चक्र और 23 कीर्ति चक्र विजेता हैं जोकि गर्व का विषय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार को अपने 20 माह के छोटे से कार्यकाल में राजनीतिक, आर्थिक, और प्राकृतिक अपादा के मोर्चे पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि धनबल के जरिए लांकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने का षडयंत्र रचा गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश पर उपचुनावों का बोझ डाला गया और चार माह तक प्रदेश के विकास कार्यों को ठप करने की साजिश रची गईं लेकिन प्रदेश की प्रबुद्ध जनता से इन साजिशों को नाकाम किया। लोगों ने प्रदेश सरकार पर भरोसा जताते हुए धनबल पर जनबल की ताकत दिखाते हुए लोकतंत्र को बरकरार रखा।
मुख्यमंत्री ने अपार समर्थन के लिए प्रदेश की जनता का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के गलत निर्णयों के कारण प्रदेश पर हजारों करोड़ रुपये का बोझ डाला गया जिसके कारण वर्तमान सरकार को गंभीर आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए बिजली और पानी के बिल माफ कर दिए गए जिसके कारण एक वर्ष के भीतर ही राज्य विद्युत बोर्ड पर 780 करोड़ रुपये और जलशक्ति विभाग पर 300 करोड़ रुपये का बोझ पड़ गया। इसके अलावा हिमकेयर योजना में अनुचित लाभ लिए जाने के मामले सामने आने के बाद निजी अस्पतालों को इस योजना से बाहर किया गया।
उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिले की प्रतिष्ठित शख्सियतों ने प्रदेश का मान बढ़ाया है। यहां के लोगों ने देश की सेनाओं और अन्य प्रमुख क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिससे राष्ट्र को गौरव मिला है, जिनमें भारत के राष्ट्रगान की धुन बनाने वाले कैप्टन राम सिंह और स्वतंत्रता सेनानी पहाड़ी गांधी बाबा कांशी राम शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि धर्मशाला में एक भव्य युद्ध संग्रहालय विकसित किया जा रहा है। वर्षों से लंबित 643 करोड़ रुपये की फिन्ना सिंह सिंचाई परियोजना को भी मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही 234 करोड़ रुपये लागत की सुखाहर सिंचाई योजना को भी मंजूरी दी गई है, जिससे शाहपुर और ज्वाली के 22 गांव लाभान्वित होंगे।