चंडीगढ़, 12 अगस्त। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शहरी क्षेत्रों की स्वच्छता, सौंदर्यीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास को गति देने के लिए अधिकारियों को राज्य में सिविल कार्यों के लिए टेंडर फ्लोट करने की प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी, प्रभावी और समयबद्ध बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टेंडर प्रक्रिया के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जाए, जिसमें प्रत्येक चरण की स्पष्ट समय-सीमा और जिम्मेदारी तय की जाए, ताकि किसी भी प्रकार की अनावश्यक देरी समाप्त हो सके और परियोजनाओं का क्रियान्वयन तय समय पर सुनिश्चित किया जा सके।
मुख्यमंत्री आज पंचकूला में शहरी स्थानीय निकायों में विभिन्न परियोजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में हाई पॉवर्ड वर्क्स परचेज कमेटी (एचपीडब्ल्यूपीसी) बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री श्री विपुल गोयल भी उपस्थित रहे। बैठक में लगभग 342 करोड़ रुपये के विभिन्न प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई। बैठक में विभिन्न बोलीदाताओं से नेगोसिएशन के बाद दरें तय करके लगभग 11 करोड़ 90 लाख रुपये की बचत की गई ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्यों में गुणवत्ता से समझौता किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन कांट्रेक्टर्स द्वारा उत्कृष्ट और गुणवत्तापूर्ण कार्य किया जा रहा है, उन्हें समय-समय पर सम्मानित किया जाए ताकि कार्य के प्रति प्रतिस्पर्धा और प्रतिबद्धता बनी रहे। साथ ही, काम में कोताही बरतने या सही तरीके से काम न करने वाली एजेंसी एवं कांट्रेक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी अमल में लाई जाए।
बैठक में करनाल नगर निगम में दिव्य नगर योजना के तहत प्रमुख सड़क खंडों के विकास एवं सौंदर्यीकरण, पार्कों और चौकों के आधुनिकीकरण के लिए 15.30 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई। इन कार्यों के पूरा होने से न केवल नागरिकों को बेहतर सार्वजनिक स्थान उपलब्ध होंगे, बल्कि साफ-सुथरे और आकर्षक वातावरण के कारण लोगों के जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। इसी प्रकार डेयरी कॉम्प्लेक्स, कन्हेली रोड, रोहतक में 13.92 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को स्वीकृति दी गई जिससे स्थानीय गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
इसके साथ ही, गुरुग्राम में श्री माता शीतला देवी श्राइन परिसर के पुनर्विकास के लिए 13.50 करोड़ रुपये की लागत के विभिन्न कार्यों को स्वीकृति प्रदान की गई। इन कार्यों से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और श्रद्धालुओं को स्वच्छ एवं सुविधाजनक वातावरण प्राप्त होगा।
बैठक में स्वच्छता पर विशेष फोकस रखते हुए घर-घर कचरा संग्रहण, सेग्रीगेशन और निस्तारण के संबंध में भी विभिन्न कार्यों को मंजूरी दी गई। इसमें, नरवाना नगर परिषद में 9.18 करोड़ रुपये, नगर निगम रोहतक में 85.90 करोड़ रुपये, नगर निगम यमुनानगर में 21.97 करोड़ रुपये, फतेहाबाद नगर परिषद में 10.45 करोड़ रुपये, नगर निगम हिसार में 56.95 करोड़ रुपये, नगर निगम मानेसर में 64 करोड़ रुपये, टोहाना नगर परिषद में 9.35 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अलावा, रोहतक नगर निगम में ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण तथा रेवाड़ी नगर परिषद में लीगेसी वेस्ट के हेतु भी क्रमशः 25.96 करोड़ रुपये व 15.28 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में सौंदर्यीकरण और ठोस कचरा प्रबंधन प्रणाली को और अधिक आधुनिक व प्रभावी बनाया जाए, जिससे स्वच्छ हरियाणा – सुंदर हरियाणा के लक्ष्य को तेजी से हासिल किया जा सके। इसके लिए हर स्तर पर जवाबदेही तय होनी चाहिए।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अरुण कुमार गुप्ता, आपूर्ति एवं निपटान विभाग के महानिदेशक श्री पंकज के अलावा संबंधित नगर निगम आयुक्त और जिला नगर आयुक्त उपस्थित रहे।