हरियाणा के सीएम ने दिए आदेश
चण्डीगढ़, 25 जून – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हर जिले को 50 लाख रुपये जारी करने के निर्देश दिए हैं ताकि अनुसूचित जाति के लोगों के साथ किसी तरह की उत्पीडऩ सम्बन्धी घटना होने पर पीडि़त परिवार को समय पर आर्थिक सहायता मुहैया करवाई जा सके।
मुख्यमंत्री आज यहां अनुसूचित जातियां/अनुसूचित जनजातियां (अत्याचार निवारण) नियम,1995 के अधीन गठित राज्य स्तरीय विजिलेंस एवं मॉनिटरिंग कमेटी की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री डॉ. बनवारी लाल, श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री अनूप धानक, सांसद सुनीता दुग्गल, विधायक वरूण चौधरी, सत्यप्रकाश जरावता और रामकरण काला भी मौजूद रहे।
मनोहर लाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभिन्न विभागों में आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत की जाने वाली भर्ती में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया जाए और समय-समय पर इसकी उचित निगरानी भी की जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी हिदायत दी कि राज्य स्तरीय विजिलेंस एवं मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक हर छ: महीने में की जाए।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों के खिलाफ होने वाले उत्पीडऩ के मामले में दी जाने वाली कानूनी सहायता राशि भी बिना किसी देरी के जारी की जानी चाहिए। इसके अलावा, लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए अनुसूचित जाति की बस्तियों में तथा प्राइम लोकेशन पर होर्डिंग या बैनर लगाए जाएं। इसके अलावा, प्रचार के अन्य माध्यमों से भी जानकारी दी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों को उनके अधिकारों की जानकारी देने के मकसद से हर सांसद व विधायक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में समय-समय पर सेमिनार करवाना सुनिश्चित करे। प्रदेश के कुछ खास क्षेत्रों में अनुसूचित जाति के लोगों के खिलाफ होने वाले उत्पीडऩ के मामलों के पीछे के कारणों का पता लगाया जाना चाहिए।
बैठक में मुख्य सचिव विजय वर्धन, मुख्यमंत्री के विशेष प्रधान सचिव डी.एस. ढेसी, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव विनीत गर्ग, पुलिस महानिदेशक मनोज यादव, गृह विभाग-1 के सचिव टी.एल. सत्यप्रकाश और अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की महानिदेशक रेणू एस. फुलिया समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।