शिमला, 15 जुलाई। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि शिक्षकों द्वारा प्रदान की गई बहुमूल्य सेवाओं को सम्मानित करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार अध्यापकों एवं हेड ऑफ स्कूल के लिए नवीन योजना ‘हिमाचल प्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा पुरस्कार’ शुरू कर रही है।
उन्होंने कहा कि योजना के अन्तर्गत दो विभिन्न श्रेणियों के तहत सामान्य श्रेणी और जनजातीय एवं दुर्गम क्षेत्रों के 24 अध्यापकों को सम्मानित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य चयन प्रक्रिया में विषय आधार के बजाय शिक्षा के क्षेत्र में सीखने के परिणामों, रचनात्मकता और नवोन्मेषी योगदान को बढ़ावा देने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहित करना है। इस योजना का उद्देश्य अध्यापन क्षेत्र मंे युवाओं की रूचि को बढ़ाना, गुणात्मक शिक्षा को प्रेरित करना और समाज में शिक्षकों को सर्वोच्च स्थान दिलाना है। इससे विद्यालयों में शिक्षा की सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं को प्रोत्साहन मिलेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 24 राज्य पुरस्कारों के अतिरिक्त प्रदेश सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं के सफल क्रियान्वयन और नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए छः विशेष पुरस्कार भी प्रदान करेगी। विशेष पुरस्कारों के तहत जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डाईट), राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीइआरटी), सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) मेें कार्यरत्त अध्यापक भी पात्र होंगे। हिमाचल प्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा पुरस्कार योजना के अन्तर्गत गठित राज्य स्तरीय समिति के अनुमोदन पर विशेष पुरस्कारों के अध्यापकों को चुना जाएगा। योजना के अन्तर्गत पुरस्कृत अध्यापकों को स्मृति चिन्ह, मेडल, हिमाचली टोपी, शॉल, प्रशस्ति पत्र और प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया जाएगा।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान वर्ष के 31 मार्च तक कार्यरत अध्यापक इस योजना के अन्तर्गत पात्र होंगे। अध्यापक 16 जुलाई से 30 जुलाई तक विभाग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम अनुसार ऑफ लाईन माध्यम से नियंत्रकों द्वारा उप-निदेशकों को आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्राप्त होने के उपरांत जिला स्तरीय समिति द्वारा आवेदन की जांच की जाएगी। विभाग द्वारा गठित विशेष मूल्यांकन टीम के माध्यम से पूर्ण प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग करना अनिवार्य होगा। जिला स्तरीय समिति प्राप्त आवेदनों में से दो आवेदनों को राज्य स्तरीय समिति को भेजा जाएगा। राज्य स्तरीय समिति के समक्ष प्रत्येक आवेदक को एक प्रस्तुति देनी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार विद्यार्थियों को घर-द्वार के निकट गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश के शिक्षकों को ज्ञानवर्धन के लिए अन्य देशों में शैक्षणिक यात्राएं करवाई जा रही हैं ताकि शिक्षक प्रदेश में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर सके।