चंडीगढ़, 7 मई – हरियाणा में लोगों को डोर-टू-डोर oxygen cylinder रीफिल की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए मरीज या उनके परिजनों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल ने इस सम्बंध में जिला के नोडल अफसरों और जिला रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिवों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
डॉ. अमित अग्रवाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नोडल अफसरों और रेड क्रॉस सचिवों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह संकटकाल है और हमें ठीक उसी तरह कार्य करना है जिस प्रकार विपरीत परिस्थितियों में एक सैनिक सीमा पर युद्ध लड़ता है।
उन्होंने कहा कि इस संकटकाल में बहुत से कोविड ग्रस्त मरीज होम आइसोलेशन में हैं।
इसके अलावा, अन्य बीमारियों से ग्रस्त बहुत से मरीजों को निरन्तर ऑक्सीजन की आवश्यकता रहती है।
घरद्वार पर oxygen cylinder रीफिल करने की सुविधा शुरू होने से ऐसे मरीजों को काफी लाभ होगा और उन्हें या उनके परिजनों को सिलेंडर रीफिल कराने के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ेगा, वहीं oxygen cylinder की कालाबाजारी करने वालों पर भी इससे अंकुश लगेगा।
यह सुविधा शुरू होने से स्टेप डाउन कोविड ग्रस्त मरीजों को भी होम आइसोलेशन में ऑक्सीजन की सुविधा मिलने में आसानी होगी और अस्पतालों के ऑक्सीजन बेड गम्भीर कोविड ग्रस्त मरीजों के लिए उपलब्ध हो सकेंगे।
oxygen cylinder पोर्टल पर करना होगा आवेदन
उन्होंने कहा कि इसके लिए एक पोर्टल http://oxygenhry.in/ बनाया गया है।
इस पोर्टल पर जाकर स्वयंसेवी संस्थाएं रजिस्ट्रेशन करेंगी, जिससे उनका लॉगइन बन जाएगा।
जैसे ही इस पोर्टल पर जरूरतमंद मरीज ऑक्सीजन सिलेंडर के रीफिल के लिए रजिस्ट्रेशन करेगा तो उसका आवेदन स्वयंसेवी संस्था और रेड क्रॉस सोसाइटी दोनों के पास रिफ्लेक्ट होगा।
रेड क्रॉस सोसाइटी या स्वयंसेवी संस्था में से कोई भी उक्त आग्रह को स्वीकार करेंगी तो आवेदन करने वाले मरीज के दिए मोबाइल नम्बर पर एक एसएमएस के माध्यम से सूचना पहुँच जाएगी।
आवेदक को आवेदन करने के दौरान आधार नम्बर और ऑक्सीजन लेवल के लिए ऑक्सीमीटर का फोटो भी अपलोड करना होगा।
इसके अलावा, मरीज की उम्र और पता लिखना अनिवार्य होगा।
एक मोबाइल नम्बर से एक दिन में एक बार ही आवेदन किया जा सकेगा। यह सुविधा 9 मई, 2021 से मिलना प्रारम्भ हो जाएगी।
सिलेंडर बैंक बनाने के लिए कहा
डॉ. अमित अग्रवाल ने इस कार्य के लिए सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि सिलेंडरों की रीफिलिंग के लिए जिले में उपायुक्त से चर्चा कर एक स्थान निर्धारित कराएं।
साथ ही खाली सिलेंडर का बैंक बनाने की भी व्यवस्था करें ताकि जिस भी मरीज के लिए सिलेंडर रीफिलिंग का आवेदन आया हो, वहां स्वयंसेवी संस्था के वालंटियर भरा हुआ सिलेंडर ही लेकर जाएं और खाली सिलेंडर लेकर भरा हुआ सिलेंडर देकर आएं।
उन्होंने इसके लिए स्थानीय स्तर पर कम से कम कीमत (यदि जरूरत लगे) अपने स्तर पर तय करने के निर्देश दिए।
इस मौके पर रेड क्रॉस सोसाइटी के प्रदेश सचिव भी उपस्थित रहे।