चंडीगढ़, 25 सितंबर। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय समावेशी विचारधारा के प्रबल समर्थक थे जो एक मजबूत और सशक्त भारत चाहते थे। आज उनकी इस विचारधार को गति देने के लिए युवा शक्ति को आगे आना होगा।
दत्तात्रेय ने शनिवार को राजभवन में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती के अवसर पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया और श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे एक सच्चे राजनीतिज्ञ, दार्शनिक, स्टेट्समैन, नित्य श्रमिक व भारतीय संस्कृति और सभ्यता के संरक्षक थे। उनमें भारतीय संस्कृति की आत्मा निवास करती थी। वे 1916 में मथुरा जिले के नगला चंद्रभान गांव के सामान्य परिवार में पैदा हुए। बहुत कठिन परिस्थितियों में पल-पढ़ कर उन्होंने आदर्श दार्शनिक के रूप में पहचान बनाई।
दत्तात्रेय ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पहले संघ संचालक डा. हेडगेवार से सम्पर्क हुआ और कानपुर में संघ में शामिल हुए। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दूसरे सर संघ संचालक पूज्य गुरु जी श्री माधव सदाशिव गोलवलकर के विचारों से प्रभावित हुए और संघ के प्रचारक बने। इसके बाद आरएसएस के लिए पूरे समर्पित भाव से कार्य किया। 1952 में अपनी प्रतिभा और प्रतिबद्धता के चलते वे जनसंघ के महासचिव बने।
उन्होंने संघ की विचारधारा राष्ट्र धर्म पंचजन्य और स्वदेश जैसी पत्र-पत्रिकाएं शुरू की। इस प्रकार से आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय को जनसंघ के राष्ट्रीय जीवन दर्शन के निर्माता माना जाता है। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक बेहतर संगठनकर्ता थे। आज उन जैसे महापुरुषों द्वारा किए गए कार्यों की बदौलत भारतीय जनता पार्टी ने विश्व व्यापी की रूप में पहचान बनाई है।
उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने पुंजीवाद व साम्यवाद से हटकर देश में राष्ट्रीयवाद पर आधारित एकात्म मानववाद की विचारधारा दी। आज उनका यह सिद्धान्त और विचारधारा पूरी तरह प्रासंगिक है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने गरीब, वंचित, पिछड़ों के विकास के लिए अन्तोदय का सिद्धान्त दिया।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने अंत्योदय के इस सिद्धान्त को पूरी तरह आगे बढ़ाते हुए प्रदेश में मुख्यमंत्री अंत्योदय अभियान शुरू किया है। जिसके तहत सबसे गरीब दो लाख परिवारों की पहचान करके न्युनतम वार्षिक आय एक लाख रूपये रखने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना तथा अंत्योदय आहार योजना शुरू की गई है।
उन्होंने कहा कि अन्तोदय की विचारधारा पर चलकर हमें भी गरीब, वंचित व पिछड़े लोगों के कल्याण के लिए कार्य करना चाहिए। जिससे देश मजबूत होगा और समावेशी समाज स्थापित होगा। यही पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।