चंडीगढ़, 5 मार्च। Russia-Ukraine war के कारण भारतीय pharma industry संकट में फंस गई है।
इस बारे में फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज ने चिंताएं जाहिर की हैं।
(Concerns have been expressed by the Federation of Indian Industries in this regard.)
फेडरेशन की हिमाचल यूनिट के वाईस प्रेजिडेंट सुमित सिंगला (क्योरटेक ग्रुप ) ने कुछ मुद्दे उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि देश की रूस से आयात होने वाले एल्युमीनियम (aluminum) पर निर्भरता है।
(The country has a dependence on aluminum imported from Russia.)
रूस भारत में प्रयोग होने वाली एल्युमीनियम का 22 प्रतिशत सप्लाई करता है।
Russia-Ukraine war पिछले 9 दिनों से चल रहा है और इस कारण सप्लाई में अड़चनें आई हैं।
दूसरी और हिंडाल्को ने एल्युमीनियम की डिमांड पर भारतीय बाज़ार की जगह विदेशी बाजार को प्राथमिकता दी है।
Russia-Ukraine war – इंडस्ट्री पर इस तरह पड़ा बुरा असर
इससे भारतीय बाज़ार में एल्युमीनियम की कमी और रेट काफी बढ़ गए हैं। (aluminum rates increased)
दूसरी ओर London Metal Exchange का रेट 2700 डॉलर मीट्रिक टन से बढ़कर 4000 डॉलर मीट्रिक टन पहुंच गया है।
इसका सीधा असर फार्मा इंडस्ट्री पर पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि दवा की पैकिंग में प्रयुक्त होने वाली एल्युमीनियम के रेट में तेजी आ गई है।
इससे भारतीय वेंडर दवा उद्योग से आर्डर लेने के बावजूद सप्लाई समय पर नहीं दे रहे हैं।
सिंगला ने कहा कि केंद्रीय सरकार तुरंत नाल्को को भारतीय घरेलु मार्किट में अपना उत्पादन बढ़ाने की अपील की।
इससे अलावा सप्लाई में भी तेजी की जाए ताकि मार्किट में डिमांड और सप्लाई का समन्वय बना रहे।
सिंगला ने कहा की जून-जुलाई, 2021 में एल्युमीनियम के रेट 230 प्रति किलो, ब्लिस्टर के 270 प्रति किलो कच्चा माल मिलता था।
वह अब बढ़कर पाली का 400 और ब्लिस्टर का 500 रुपए प्रति किलो हो गया है।
साथ में ही पैकेजिंग गट्टा उद्योग पर भी इसका प्रभाव पड़ा है।
इस हालत में फार्मा उद्योग (pharma industry) संकट में है।
पहले ही कच्चे माल ने उद्योग की कमर तोड़ी हुई थी अब नई वजह से उद्योग संकट में है।