मुख्यमंत्री द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों से सीधा संपर्क कायम करने के लिए ‘गाँव-सरकार मिलनी’ करवाने की घोषणा
चंडीगढ़, 26 जून:
सूबे में लोगों के साथ सीधा संपर्क कायम करने के उद्देश्य से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज कहा कि ‘किसान- सरकार मिलनी’ की तर्ज पर ‘गाँव- सरकार मिलनी’ करवाई जायेगी जिससे गांवों के चुने हुए प्रतिनिधियों को विकास कार्यो में हिस्सेदार बनाने के साथ-साथ उनके सुझाव प्राप्त किये जा सकें।
आज यहां मुख्यमंत्री कार्यालय में ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग की मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘गांव- सरकार मिलनी’ जि़ला स्तर पर करवाई जायेगी जहां पंचायतों आधिकारियों को गांवों के विकास के लिए पेश मुश्किलों संबंधी अवगत करवाएंगी । मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग को ‘गाँव- सरकार मिलनी’ के लिए उचित प्रबंध करने के लिए कहा जिससे चुने हुए प्रतिनिधि को अपनी बात रखने में कोई मुश्किल पेश न आए।
भगवंत मान ने कहा कि यह मिलनी मालवा क्षेत्र में दो दिन जबकि दोआबे और माझे में एक-एक दिन करवाई जाएंगी क्योंकि सूबे के 60 प्रतिशत गांव मालवा क्षेत्र में पड़ते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अक्सर देखा गया कि पंचायतें कई बार जि़ला प्रशासन के स्तर पर हल होने वाले छोटे-छोटे मामले भी सम्बन्धित अधिकारियों तक नहीं पहुंचते जिससे लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि सूबे की कई पंचायतों ने अलग प्रॉजेक्ट लागू करके अपने-अपने गांवों को माडर्न गांवों के तौर पर विकसित किया है जिसके साथ इन पंचायतों से सुझाव भी लिए जाएंगे। इसलिए सूबे में गांव- सरकार मिलनी करवाने का फ़ैसला लिया है।
सूबे में ‘किसान-सरकार मिलनी’ की सफलता का जि़क्र करते मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मिलनी में उन्होंने ख़ुद पंजाब कृषि विश्वविद्यालय जाकर किसानों की मुश्किलें सुनी थी। उन्होंने कहा कि किसानों ने नहरी पानी समय पर छोडऩे, ĺधान की बिजाई आदि संबंधी सुझाव भी दिए थे जिसके अनुसार सरकार ने राज्यभर में इस बार नहरी पानी की कमी नहीं आने दी।
इस मौके वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर, स्थानीय निकाय मंत्री बलकार सिंह के इलावा मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव ए. वेनूं प्रसाद और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।