शिमला, 17 नवंबर। पीएम नरेंद्र मोदी ने हिमाचल विधानसभा में आयोजित 82वें अखिल भारतीय presiding officers के सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को video conference के माध्यम से संबोधित किया।
इस समारोह को अखिल भारतीय presiding officers के शताब्दी वर्ष समारोह के रूप में मनाया जा रहा है।
पीएम ने कहा कि लोकतंत्र केवल देश के लिए प्रणाली नहीं है बल्कि हमारे स्वभाव व जीवन के हिस्से में निहित है।
उन्होंने कहा कि हमें देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है।
आने वाले वर्षों में असाधारण लक्ष्य हासिल करने हैं तथा ये संकल्प सबके प्रयासों से पूरे होंगे।
presiding officers से पीएम ने किया यह आह्वान
पीएम ने कहा कि विधानसभाओं सदनों की परम्पराएं व प्रणालियां स्वाभाविक रूप से भारतीय होनी चाहिए।
उन्होंने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत करने पर विशेष बल दिया।
उन्होंने कहा यह सभी की जिम्मेदारी है कि सदन में आचरण भारतीय मूल्यों के अनुसार होना चाहिए।
मोदी ने कहा कि हमारा देश विविधताओं से भरा है।
पीएम ने सुझाव रखा कि क्या साल में 3-4 दिन सदन में समाज के लिए कुछ विशेष करने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए रिजर्व किए जाएं।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य देश में संसदीय प्रक्रिया का उचित समन्वय सुनिश्चित करना है।
उन्होंने कहा कि सदन के काम-काज को प्रभावी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी के अधिक उपयोग की आवश्यकता है।
ओम बिरला ने आशा व्यक्त की कि यह सम्मेलन देश के लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत करने में एक लंबा सफर तय करेगा।
सीएम जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल विधानसभा अपनी उच्च परंपराओं व सकारात्मक चर्चा के लिए जानी जाती है।
जय राम ठाकुर ने पीएम से कांगड़ा के धर्मशाला में राज्य के लिए राष्ट्र ई-अकादमी स्वीकृत करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश भारत का पहला राज्य है जिसने अपनी विधानसभा में पेपरलेस काम शुरू किया।
सीएम ने कहा कि हिमाचल विधानसभा को अब ई-विधान के नाम से जाना जाता है।
इस मौके पर देश की विभिन्न विधानसभाओं के अध्यक्ष मौजूद थे।
इसके अलावा लोकसभा महासचिव व अन्य भी शामिल हुए।