पी. एस. पी. सी. एल. ऊर्जा संरक्षण उपायों के लिए देश भर की पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों में से सर्वाेत्तम प्रदर्शनकार कंपनी के तौर पर सम्मानित हुई
चंडीगढ़, 31 दिसंबरः
वर्ष 2023 के दौरान बिजली विभाग की कारगुज़ारी का लेखा-जोखा पेश करते हुये पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ई. टी. ओ ने आज यहाँ बताया कि विभाग ने इस वर्ष के दौरान नये रिकार्ड कायम करने के साथ-साथ कई चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया और 2 महीनों के लिए 600 यूनिट और 300 यूनिट प्रति महीना के पीछे ज़ीरो बिजली बिल की सुविधा देकर 90 प्रतिशत से अधिक घरेलू लोगों को मुफ़्त बिजली मुहैया करवाई। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही राज्य में कृषि के लिए 100 प्रतिशत ट्यूबवैलों को मुफ़्त बिजली मुहैया करवाई जा रही है।
यहाँ जारी प्रैस बयान के द्वारा बिजली मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के स्वरूप पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमटिड ( पी. एस. पी. सी. एल.) को 1 अप्रैल 2023 से 30 सितम्बर 2023 तक 564. 75 करोड़ रुपए का लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि पी. एस. पी. सी. एल. ने पिछले 7 वर्षों से बंद पड़ी पछवाड़ा केंद्रीय कोयला खादान को चालू करने की चुनौतियों को सफलतापूर्वक दूर किया और दिसंबर 2022 में पी. एस. पी. सी. एल. थर्मल पावर स्टेशनों को महंगे आयातित किये कायले की जगह इस खदान से कम लागत वाले कोयले की पूर्ति की जा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक पी. एस. पी. सी. एल. के ताप बिजली घरों को करीब 30 लाख मीट्रिक टन कोयले की स्पलाई की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि रोपड़ और लहरा मोहब्बत प्लांटों में करीब 30 दिनों के लिए कोयले का काफ़ी स्टाक उपलब्ध है। उन्होंने आगे बताया कि इस वर्ष राज्य सरकार के थर्मल प्लांटों की तरफ से लगभग 20 प्रतिशत ज़्यादा बिजली पैदा की गई है। उन्होंने कहा कि पहले थोड़े समय के बिजली खरीद समझौतों की प्रथा अपनाई जाती थी, जिस कारण ज़रूरत की घड़ी महँगी बिजली ख़रीदी जाती थी। उन्होंने कहा कि अब पी. एस. पी. सी. एल. द्वारा मुकाबले वाली कीमतों पर बिजली खरीद प्रबंध करने के लिए पहले से ही योजना बनाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि 1 मार्च 2023 को पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमटिड को भारत सरकार के बिजली मंत्रालय के पी. ए. टी. ( कारगुज़ारी, उपलब्धि और व्यापार) प्रोग्राम के अंतर्गत ऊर्जा संरक्षण उपायों के लिए देश भर की पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों में से सर्वाेत्तम प्रदर्शनकार कंपनी के तौर पर सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि बिजली मंत्रालय की तरफ से पी. ए. टी. साइकल- 2 के दौरान पी. एस. पी. सी. एल को 80, 686 एनर्जी सेविंग सर्टिफिकेट जारी किये गए थे। उन्होंने बताया कि हरेक एनर्जी सेविंग सर्टिफिकेट की कीमत लगभग 1840 रुपए है और इस तरह इनकी कुल कीमत 14.84 करोड़ रुपए बनी।
बिजली मंत्री हरभजन सिंह ई. टी. ओ ने बताया कि इस वर्ष 23 जून को 15, 293 मेगावाट की अब तक की बिजली की सबसे अधिक माँग पूरी की गई जो कि वर्ष 2022 के दौरान 29 जून को पूरी की गई अधिक से अधिक 14, 311 मेगावाट की बिजली माँग के मुकाबले 7 प्रतिशत अधिक थी। उन्होंने कहा कि इसके इलावा इस वर्ष 9 सितम्बर को 3427 लाख यूनिट की एक दिन की रिकार्ड ऊर्जा माँग को पूरा किया गया जबकि वर्ष 2022 के दौरान 29 जून को 3345 लाख यूनिट की रिकार्ड ऊर्जा माँग पूरी की गई थी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष धान के सीजन के दौरान घरेलू, व्यापारिक, औद्योगिक और अन्य उपभोक्ताओं पर बिजली कट लगाए बिना कृषि खपतकारों को 8 घंटे से अधिक सप्लाई दी गई। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के दौरान राज्य के बाहर से अतिरिक्त बिजली आयात करने के लिए उपलब्ध ट्रांसमिशन क्षमता ( ए. टी. सी. सीमा) को 7100 मेगावाट से बढ़ा कर 9000 मेगावाट कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष के दौरान टिकाऊ और सस्ती सौर बिजली ऊर्जा प्राप्त करने के लिए 21 जुलाई को बिजली खरीद समझौते ( पी. पी. ए) किये गए जिनके अंतर्गत भारत में कहीं भी स्थित प्रोजेक्टों से 1000 मेगावाट सौर ऊर्जा की 2. 53 रुपए प्रति के. डब्ल्यू. एच की दर के साथ खरीद और पंजाब में कहीं भी स्थित प्रोजेक्टों से 200 मेगावाट सोलर पावर की 2. 75 रुपए प्रति के. डब्ल्यू. एच की दर के साथ खरीद की जायेगी। उन्होंने कहा कि 800 मेगावाट के सौर/ हाइब्रिड पावर प्रोजैक्ट से 2. 63 रुपए प्रति के. डब्ल्यू. एच से 2. 76 रुपए प्रति के. डब्ल्यू. एच के हिसाब से पी. एस. पी. सी. एल द्वारा दिसंबर 2022 से प्राप्त की जा रही है और मार्च, 2024 तक 400 मेगावाट अतिरिक्त सौर ऊर्जा प्राप्त करने की योजना है।
बिजली ढांचे में सुधार का जिक्र करते हुये बिजली मंत्री ने कहा कि 66 के. वी लाईनों, 66 के. वी. पावर ट्रांसफार्मर, 11 के. वी. फीडर आदि में विस्तार या सुधार करने के लिए रीवैंपड डिस्ट्रीब्यूशन सैक्टर स्कीम ( आर. डी. एस. एस.) के अंतर्गत 3 873 करोड़ रुपए मंज़ूर किये गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके इलावा आधुनिकीकरण के लिए लगभग 6000 करोड़ रुपए की विस्तृत प्रोजैक्ट रिपोर्ट को भारत सरकार से मार्च 2024 तक मंज़ूरी मिलने की संभावना है।
औद्योगिक क्षेत्र के लिए सेवाओं को और प्राथमिकता देने और सुचारू बनाने के लिए किये प्रयासों का जिक्र करते हुये बिजली मंत्री ने कहा कि पी. एस. पी. सी. एल द्वारा इस वर्ष एक समर्पित सैल-औद्योगिक सुविधा सैल (आई. एफ. सी.) की शुरुआत की है जिसकी पी. एस. पी. सी. एल के चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरैक्टर के दफ़्तर द्वारा निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रयास के अंतर्गत एक समर्पित हेल्पलाइन वट्टसऐप नंबर 9646119141 और एक ईमेल पता industrial-cell@pspcl.in, लांच किया गया है। उन्होंने कहा कि इस वटसऐप या ईमेल के द्वारा उद्योगपति आसानी से अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकते हैं और इन शिकायतों की तरफ तुरंत ध्यान देते हुये इनको पहल के आधार पर निपटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पी. एस. पी. सी. एल. ने ख़राब ट्रांसफ़र्मरों को बदल कर तुरंत बिजली स्पलाई बहाल करने के लिए मोबाइल ट्रांसफ़र्मरों का भी प्रबंध किया है।
बिजली विभाग में नयी भर्ती और दुर्घटना मुआवज़ा नीति का जिक्र करते हुये हरभजन सिंह ई. टी. ओ ने कहा कि 1 अप्रैल 2022 से 15 दिसंबर 2023 तक बिजली विभाग में अलग- अलग पदों पर कुल 4446 भर्ती की गई जिनमें पी. एस. पी. सी. एल में 3662 और पी. एस. टी. सी. एल में 784 व्यक्तियों की भर्ती की गई। उन्होंने कहा कि इस वर्ष नयी दुर्घटना मुआवज़ा नीति भी लागू की गई जिसके अंतर्गत कामगारों की भलाई के लिए रोज़गार के दौरान घटने वाली दुर्घटना के कारण मौत होने की सूरत में 10 लाख रुपए की एक्स- ग्रेशिया राशि के भुगतान और ठेके पर रखे कामगारों के लिए 10 लाख रुपए के ग्रुप बीमे का प्रबंध किया गया है। उन्होंने कहा कि यह नीति घातक और ग़ैर- घातक हादसों के मामले में निजी व्यक्तियों ( बालिग़ और नाबालिग) को भी कवर करती है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष डिफालटर खपतकारों के लिए एकमुश्त निपटारा स्कीम शुरू की गई है जिससे वह अपने बकाए का भुगतान कर सकें। उन्होंने कहा कि पहले बकाया अदायगी पर 18 प्रतिशत के हिसाब के साथ मिश्रित ब्याज वसूला जाता था परन्तु इस योजना के अंतर्गत ब्याज दर को घटा कर 9 प्रतिशत की साधारण दर कर दिया गया। इस योजना के अंतर्गत वह खपतकार जिनके कनैक्शन काटे को 6 महीने से कम का समय हुआ है, से कोई फिक्सड चार्ज नहीं वसूला जा रहा जबकि 6 महीनों से अधिक समय के लिए फिक्सड खर्चे सिर्फ़ 6 महीनों के लिए ही वसूले गए। उन्होंने कहा डिफ़ाल्ट रकम को चार किश्तों में अदा करने की भी सुविधा दी गई।
हरभजन सिंह ई. टी. ओ ने कहा कि इस वर्ष के दौरान राज्य के अंदर अलग- अलग स्थान पर आयी बाढ़ों का भी बिजली विभाग की तरफ से जंगी स्तर पर मुकाबला किया गया। उन्होंने कहा कि बाढ़ों के कारण पी. एस. पी. सी. एल. के बुनियादी ढांचे को लगभग 16 करोड़ का नुकसान पहुँचा। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के नुकसान के कारण प्रभावित क्षेत्रों में बिजली स्पलाई पर काफ़ी प्रभाव पड़ा और ज़रूरी सेवाएं भी प्रभावित हुई। उन्होंने कहा कि पी. एस. पी. सी. एल के अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रभावित क्षेत्रों में बिजली स्पलाई बहाल करने के लिए दिन-रात काम किया और अस्पतालों, मैडीकल सहूलतें, दूरसंचार और जल स्पलाई जैसे नाजुक बुनियादी ढांचे को सबसे अधिक प्राथमिकता देते हुये प्रभावित हुए सभी 595 स्थानों पर बिजली स्पलाई बहाल कर दी गई