चंडीगढ़, 30 जून। आम आदमी पार्टी (आप) के सीनियर नेता और पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि प्रदेश में महंगी बिजली होने के बावजूद आम लोगों और किसानों को बिजली नहीं मिल रही, क्योंकि पिछली अकाली दल बादल की सरकार ने प्राइवेट कंपनियों के साथ गलत बिजली समझौते किए थे। उन्होंने कहा कि गलत बिजली समझौतों के कारण पंजाब में बिजली की कमी बनी हुई है और धान की बिजाई के लिए किसानों को बिजली देने के लिए घरों की सप्लाई पर भी 4 से 5 घंटे के कट लगाए जा रहे हैं।
बुधवार को पार्टी के मुख्य दफ़्तर से जारी बयान के द्वारा हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि बादलों की ओर से किये गलत समझौतों के कारण बिजली की कमी का नुक्सान समूह पंजाब वासियों को सहना पड़ रहा है, क्योंकि धान की बिजाई के सीजन के दौरान न तो ट्यूबवैलों को 8 घंटे बिजली सप्लाई मिल रही है और न ही घरों को 24 घंटे बिजली सप्लाई मिल रही है, जबकि पंजाब में दूसरे राज्यों से महंगी बिजली बेची जा रही है। उन्होंन कहा कि गलत बिजली समझौतों ने पंजाब को बर्बाद कर दिया है और यह समझौते रद्द किये जाने चाहिएं।
चीमा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की ओर से किसानों को परेशान किया जा रहा है क्योंकि धान की बिजाई के लिए 8 घंटे बिजली की सप्लाई पूरी नहीं की जा रही। उन्होंने कहा कि पंजाब राज पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) ने अकाली भाजपा सरकार की तरफ से लगाए गए तीन प्राइवेट बिजली पावर प्लांट को अब तक 20,000 करोड़ रुपए फिक्स चार्ज के रूप में दिए हैं, जिनमें से करीब 5700 करोड़ रुपए की अदायगी बिना बिजली लिए की गई है। चीमा ने कहा कि बिना बिजली खरीदे प्राईवेट पावर प्लांट में पैसे बादल सरकार की तरफ से किये गलत समझौतों के कारण देने पड़े हैं, जिस के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह भी जिम्मेदार हैं।
आप नेता ने कहा कि गलत समझौतों के कारण प्राइवेट पावर प्लांटों को बिना बिजली उत्पादन किए नुक्सान की अदायगी पीएसपीसीएल को करनी पड़ती है, परन्तु ज़रूरत के समय बिजली की पूर्ति न होने के कारण इन पावरों प्लांटों को जुर्माना करने की कोई व्यवस्था नहीं की गई। इससे स्पष्ट होता है कि तत्कालीन सरकार और प्राइवेट बिजली कंपनियों के बीच हुए समझौते पंजाब और कृषि के विरुद्ध हैं। चीमा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और बादलों की गलत नीतियों ने लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया है और इन नेताओं ने पंजाब में से सरकारी और सहकारी अदारों को खत्म कर दिया है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की आलोचना करते हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि बादलों की ओर से किए बिजली समझौतों की जांच करने और व्हाइट पेपर जारी करने का वायदा करके सत्ता में आए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने न तो बिजली समझौतों की जांच करवाई और न ही वाइट पेपर जारी किया। उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर कंपनियों के साथ मिले होने का दोष लगाते कहा कि कांग्रेस सरकार ने जानबूझ कर सरकारी पावर प्लांट बंद किये हैं, जिससे प्राइवेट पावर प्लांटों को लाभ पहुंचाया जा सके। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की है कि गलत बिजली समझौते रद्द किए जाएं और बिजली सप्लाई का उचित प्रबंध किया जाए।