अंबाला, 11 नवंबर। हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने कहा कि ‘‘हम जल्द ही बिजली व्यवस्था में विभिन्न सुधार करने जा रहे है जिसके तहत हम सभी जगह पर प्रीपेड बिजली के मीटर भी लगाने जा रहे हैं, जिससे लोगों के बिजली के बिलों को लेकर आने वाले विवादों में कमी आएगी क्योंकि प्रीपेड मीटर होगा तो जितने की बिजली उपभोक्ता को चाहिए तो उपभोक्ता अपना कूपन रिचार्ज करवा सकेगा’’।
उन्होंने हिदायतों के संबंध में उदाहरण के तौर पर बताया कि ‘‘जैसे कि राज्य के सभी ट्रांसफार्मर हैं तो उन पर कितना लोड है, यदि कम लोड का ट्रांसफार्मर है तो उसे अपग्रेड किया जाए। इसी प्रकार, बिजली की तारों की बात कही गई है कि तार पर कितना लोड है और वह कितने लोड की लगी हुई है, और अब कितना लोड बढ़ गया है, उस संबंध में भी कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि ये कुछ सुधार हैं जो प्रदेशभर पर हम करने जा रहे हैं’’।
समस्याओं के निदान को लेकर अधिकारियों को दिए गए निर्देशों की अनुपालन के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘ये बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होगा कि जो आज यहां समस्याएं बताई गई हैं उनका निदान एक सप्ताह के भीतर हो जाना चाहिए अर्थात अगले सोमवार को शिकायतकर्ता उसी बात के लिए दोबारा से नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज वैसे तो सभी विभागों की शिकायतें आई हैं लेकिन बिजली बोर्ड की ज्यादा शिकायतें आई हैं’’।
सफाई को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘सफाई एक बहुत ही बड़ी समस्या है और चुनाव जीतने के बाद सबसे पहले मैंने अधिकारियों को सफाई पर पूरा जोर देेने के आदेश दिए थे। इसके साथ जुड़ी अन्य समस्याएं और भी है जैसे कि कर्मचारी की संख्या जितनी चाहिए, उतनी संख्या नहीं हैं, इसलिए कर्मचारियों की संख्या को बढ़ाने के लिए प्रयास करेंगें। उन्होंने कहा कि हम स्वयं साथ में लगकर सारे शहर की सफाई को करवाएगें’’। ओपन ड्रेन के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘मुख्य सदर की उन्होंने सभी डेªनस बंद करवा दी और उसमें सभी जगह स्ट्रॉम वाटर पाइप डाल दिए गए हैं तथा शेष अंबाला का भी अमृत-2 में केस बनाकर भेज दिया है, और मेरी कोशिश रहेगी कि इस केस को पास करवाकर शहर मे ओपन डेªन न रहें’’।
आगामी 13 नवंबर से हरियाणा विधानसभा सत्र शुरू होने पर नेता प्रतिपक्ष के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘नेता पार्टियों के होते हैं, धड़ों के होते हैं लेकिन सामूहिक नहीं होते। कांग्रेस पार्टी नहीं हैं ये भिन्न-भिन्न धड़ों का समूह हैं, इसलिए ये आपस में मिलकर नहीं बना सकते हैं इसी कारण से इनका अभी तक फैसला नहीं हुआ है’’।