चंडीगढ़, 25 अक्तूबर। Israel की तकनीक से बागवानी में क्रांति लाने की तैयारी में पंजाब जुट गया है।
Israel की इस तकनीक से कम पानी कर इस्तेमाल कर ज्यादा फसलें व सब्जियां हासिल होती हैं।
पानी के संकट से जूझ रहे पंजाब की खेतीबाड़ी में यह बहुत तकनीक मायने रखती रखती है।
इस तकनीक को अपनाने की जानकारी प्रदेश के बागवानी मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने बैठक में दी।
उनकी बैठक Israel के बागवानी विशेषज्ञों के साथ हुई थी।
विशेषज्ञों ने इस दौरान इस तकनीक की विशेषताएं बताईं।
यह बताया कि Israel में पानी के संसाधन बहुत ज्यादा कम हैं।
बावजूद इसके कम पानी का प्रयोग कर भरपूर मात्रा में फसलें व सब्जियों का उत्पादन हो रहा है।
उपज की क्वालिटी भी अच्छी है। इस लिए Israel इस मामले में अग्रणी है।
मंत्री ने कहा कि, मौजूदा समय में हर देश, पानी की क्वालिटी व पानी के घटते स्तर पर चिंतित है।
इस लिए सभी नई तकनीक अपना रहे हैं। पंजाब भी यही कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा कि किसानों को नई तकनीकों की ज्यादा से ज्यादा जानकारी मिलनी चाहिए।
Israel के साथ पंजाब में चल रहे हैं दो सेंटर
राणा गुरजीत सिंह ने पंजाब ने इजराइली तकनीक के साथ राज्य में दो सेंटर खोले थे।
इनमें साल 2013 में करतारपुर (जालंधर) में जबकि 2014 में खनौड़ा (होशियारपुर) में खोला था।
करतारपुर सैंटर में सब्जियों की पनीरियाँ तैयार कर करीब 7000 किसानों को दी गई हैं।
यहां लगभग 1000 किसानों को सुरक्षित खेती की 27 ट्रेनिंग दी जा चुकी हैं।
सब्जियों की पनीरियां वाजिब रेटों पर खेतों तक पहुंचाई जाती हैं।
इसी तरह खनौड़ा में फलों की काश्त में उच्च तकनीक अपनाई जा रही है।
इस सैंटर में 12 मीठे संतरों और 8 नारंगी संगरतों की किस्मों को तैयार किया जा रहा है।
सैंटर में किन्नू व अन्य नीबू जाति फलों के पौधे हाईटेक नर्सरी में तैयार किए गए।
यहां करीब 800 किसानों को 32 ट्रेनिंग दी जा चुकी हैं।