चंडीगढ़, 1 अगस्त। हरियाणा सरकार अनुसूचित जाति के छोटे उद्यमियों को प्रमुख उद्योगों केसाथ जोड़ने के लिए व्यापक योजना बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है ताकि सूक्ष्म औरलघु उद्यमों (एमएसएमई) के विकास को बढ़ावा मिल सके। इस संबंध में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपने आवास संत कबीर कुटीर पर दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री(डिक्की) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और विभिन्न पहलों पर विचार-विमर्श किया।
नायब सिंह सैनीने कहा कि हरियाणा सरकार पहले से एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रोत्साहनयोजनाएं चला रही है। अब अनुसूचित जाति के छोटे उद्यमियों की सहायता के लिए भी नई योजनाएंबनाने की दिशा में बढ़ रहे हैं, ताकि छोटे उद्यमियों को बड़े बाजार उपलब्ध होसके जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहाकि राज्य सरकार द्वारा दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डिक्की) के साथमिलकर नई योजनाएं बनाने पर विचार किया जाएगा, ताकि प्रदेश में अनुसूचित जाति के छोटे उद्यमियोंको आगे बढ़ने के अवसर मिल सकें। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को भी डिक्की द्वारा चलाईजा रही पहलों और अन्य राज्यों द्वारा अपनाई जा रही बेस्ट प्रैक्टिस का अध्ययन करनेके निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहाकि हरियाणा सरकार युवा उद्यमियों को विदेशों में माल निर्यात करने की दिशा में भी सहयोगप्रदान करेगी। उन्होंने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग और विदेश सहयोग विभाग के अधिकारियोंको दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के साथ मिलकर इस दिशा में रोडमैप तैयारकरने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि विदेश सहयोग विभाग द्वारा पहले से युवाओं कोविदेशों में रोजगार के अवसर मुहैया करवाने और औद्योगिक इकाइयों को विदेशों में उत्पादनिर्यात करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। सरकार का ध्येय अधिकसे अधिक युवा बनें उद्यमी मुख्यमंत्री ने कहाकि हमारी सरकार का ध्येय यही है कि अधिक से अधिक युवा उद्यमी बनें ताकि वे नौकरी मांगनेवाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बन सकें। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा कौशल प्रशिक्षण की विभिन्न योजनाएं चलाई जा रहीहै। साथ ही, स्टैंडअप इंडिया और मुद्रा योजना जैसी फ्लैगशिपयोजनाओं के माध्यम से युवाओं को नये उद्यम शुरू करने के लिए आर्थिक सहयोग दिया जा रहाहै। हरियाणा सरकार ने भी प्रदेश में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय स्थापित कियाहै, जिसमेंयुवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हें रोजगार योग्य बनाया जा रहा है।
बैठक में दलित इंडियनचैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डिक्की) के फाउंडर चेयरमैन पद्मश्री डॉ मिलिंद कांबलेने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि डिक्की एक भारतीय संघ है जो दलित व्यावसायिक उद्यमोंको बढ़ावा देता है। डिक्की बाबा साहेब के आर्थिक विचारों की संकल्पना का हिस्सा है।डिक्की केंद्र व राज्य सरकारों के साथ मिलकर एससी-एसटी उद्यमियों को आगे बढ़ने मेंमदद करता है।
बैठक में सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचितजाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण तथा अंत्योदय (सेवा) विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव जी. अनुपमा, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण कुमार गुप्ता, उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डी. सुरेश, मुख्यमंत्रीकी अतिरिक्त प्रधान सचिव आशिमा बराड़, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक यश पाल, मुख्यमंत्रीके राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती और विदेश सहयोग विभाग के सलाहकार पवनचौधरी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।