चंडीगढ़,21 अगस्त। भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदीमुर्मू ने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति की चुनौतियों का सामना करने और इस से पैदाहोने वाले अवसरों का लाभ उठाने के लिए देश में जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकीविश्वविद्यालय जैसे शिक्षण संस्थानों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। राष्ट्रपतिने शिक्षण संस्थानों को पूर्व छात्र संघ के योगदान को भी मजबूत एवं प्रभावशाली बनानेका सुझाव दिया।
राष्ट्रपति मुर्मू आज हरियाणा के फरीदाबाद स्थित जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए के पंचम दीक्षांत समारोह को संबोधितकर रहीं थी। विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल हरियाणा एवं विश्वविद्यालयके कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने की। इस अवसर पर कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर भीउपस्थित रहे।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेयने राष्ट्रपति मुर्मू की उपस्थिति में विद्यार्थियों को उपाधि, पदक एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किये। दीक्षांत समारोहमें सभी छात्र-छात्राएं पारंपरिक भारतीय वेशभूषा में नजर आए। दीक्षांत समारोह के दौरानवर्ष 2023 में अपनी डिग्री पूरीकरने वाले 1536 विद्यार्थियों औरशोधार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई, जिसमें 998 स्नातक, 525 स्नातकोत्तर और 13 पीएचडी शामिल रहे। डिग्री प्राप्त करने वालों में 874 छात्र और 662 छात्राएं हैं। इसके अलावा, समारोह में दो मेधावी छात्राओं को स्वर्ण पदकप्रदान किया गया।
राष्ट्रपति श्रीमतीमुर्मू ने विश्वविद्यालय में जे.सी. बोस यंग साइंटिस्ट अवार्ड की शुरूआत तथा शोध केलिए सीड मनी जैसे प्रावधानों का उल्लेख करते हुए शोध को बढ़ावा देने के लिए किये जारहे प्रयासों पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा औद्योगिक एवं अकादमिकसंस्थानों के साथ समझौतों तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा विश्वविद्यालय में स्थापितसेंटर आफ एक्सीलेंस जैसी पहलों का भी उल्लेख किया। राष्ट्रपति ने कहा कि हरियाणा हरितक्रांति का प्रदेश है। इस राज्य ने देश की खाद्यान्न आत्मनिर्भरता में अहम भूमिका निभाईहै। चौथी औद्योगिक क्रांति में शिक्षण संस्थानों की भूमिका पर बोलते हुए उन्होंने कहाकि जे.सी. बोस विश्वविद्यालय शोध एवं अनुसंधान में अग्रणी भूमिका निभाते हुए अन्य संस्थाओंको राह दिखा सकता है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि यह संस्थान पांच दशकों से अधिक समय से युवाओं को कुशल एवं आत्मनिर्भरबनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि शिक्षण संस्थानों को पूर्वछात्र संघ की भूमिका एवं योगदान को और अधिक मजबूत एवं प्रभावशाली बनाने के लिए कदमउठाया जाना चाहिए।
उन्होंने महान वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बोस को आधुनिक विज्ञान का अग्रदूत बताते हुएकहा कि जे.सी. बोस का नाम सुनते ही प्रत्येक भारतीय को गर्व की अनुभूति होती है। श्रीदत्तात्रेय ने कहा कि महान वैज्ञानिक जे.सी. बोस के नाम पर इस विश्वविद्यालय का नामकरणइसे वैश्विक पहचान दिलायेगा।
इससे पहले कुलपति प्रो.सुशील कुमार तोमर ने इस अवसर पर वार्षिकरिपोर्ट प्रस्तुत की। समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस अवसर पर मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद, पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर, पुलिस आयुक्त ओ पी नरवाल, जिला उपायुक्त विक्रम सिंह सहित विश्वविद्यालयकी विभिन्न निकायों के सदस्य, पूर्व छात्र संघ के सदस्य और जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे।