चंडीगढ़, 20 जुलाई। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री अमन अरोड़ा ने पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पेडा) के अहम प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए कहा कि सरकार राज्य के लोगों के लिए साफ-सुथरा और हरा-भरा वातावरण सुनिश्चित बनाने के लिए प्राकृतिक सौर ऊर्जा का अधिक से अधिक प्रयोग और renewable energy स्रोतों को और अधिक प्रोत्साहित करेगी।
यहाँ पेडा भवन में उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कैबिनेट मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह कृषि पंपों के सौर ऊर्जा करण की संभावनाएं तलाशें, क्योंकि बहुत से किसान अभी भी सिंचाई के लिए डीजल पंपों का प्रयोग करते हैं, जिससे एक और कृषि पर लागत बढ़ती है और दूसरी ओर वातावरण भी प्रदूषित होता है, परन्तु हमारी सरकार कृषि पर लागत घटाकर किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री को बताया गया कि राज्य में renewable energy से चलने वाले कुल 15,525 पंप लगाए जा चुके हैं और वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए भारत सरकार से 9000 पंपों के सौर ऊर्जाकरण सम्बन्धी लक्ष्य की माँग की गई है।
गौरतलब है कि राज्य में फसलों की सिंचाई के लिए लगभग 13.88 लाख बिजली से चलने वाले ट्यूबवैलों का प्रयोग किया जा रहा है, जिसके लिए पंजाब सरकार द्वारा सालाना 6988 करोड़ रुपए की मुफ़्त बिजली मुहैया करवाई जा रही है।
अरोड़ा ने अधिकारियों को गुरु नानक देव थर्मल प्लांट, बठिंडा और गुरु हरगोबिंद थर्मल प्लांट, लहरा मोहब्बत में फ्लोटिंग सोलर पीवी. प्रोजेक्ट सम्बन्धी संभावनाएं तलाशने के साथ-साथ राज्य में और अधिक कैनाल टॉप सोलर पीवी. प्रोजेक्ट लगाने सम्बन्धी अध्ययन करने के लिए भी कहा।
पेडा के मुख्य कार्यकारी सुमित जारंगल ने कैबिनेट मंत्री को बताया कि नहरों पर लगभग 1750 मेगावाट क्षमता वाले सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाए जा सकते हैं और जिसमें से 20 मेगावाट के प्रोजेक्ट लगाए जा चुके हैं।
बैठक के दौरान गोदामों/शैडो की छतों पर पी.वी. प्रोजेक्ट लगाने संबंधी भी चर्चा की गई।
कैबिनेट मंत्री ने अधिकारियों को ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने और फसल अवशेषों का बेहतर उपयोग के लिए कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) प्रोजेक्ट लगाने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा, बायोगैस और पर्यावरण समर्थकीय ऊर्जा सम्बन्धी अन्य तकनीकों को राज्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण और लाभप्रद साबित होंगी।
धान की पराली को ईंधण के रूप में प्रयोग के लिए राज्य में लगाए जा रहे कम्प्रेस्ड बायोगैस प्रोजेक्ट के बारे में चर्चा के दौरान कैबिनेट मंत्री को बताया गया कि पेडा द्वारा आवंटित किए गए 492.58 टीपीडी सीबीजी के उत्पादन के लिए लगाए जा रहे 42 कम्प्रेस्ड बायोगैस प्रोजैक्टों में सालाना तकरीबन 1.8 मिलियन टन धान की पराली का उपभोग होने की संभावना है।
संगरूर जि़ले के गाँव भुटाल कलां (तहसील लहरागागा) में 33.23 टन सीबीजी प्रतिदिन की कुल क्षमता वाला सबसे बड़ा प्रोजेक्ट शुरू हो गया है। इसके साथ ही 15 टीपीडी के दो अन्य सीबीजी प्रोजेक्ट प्रक्रिया अधीन हैं।
इन प्रोजेक्ट के इस साल के अंत तक कार्यशील होने की संभावना है।
अमन अरोड़ा ने अधिकारियों को हिदायत की कि इन प्रोजेक्टों के बारे में विषय आधारित विस्तृत नोट तैयार किया जाए, जिससे इन पर सरकार में उच्च स्तर पर विचार-विमर्श किया जा सके।
मंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि ऊर्जा की बढ़ती कीमतों और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए renewable energy और वातावरण समर्थकीय ऊर्जा की ओर विशेष ध्यान दिया जाए।
उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल हमें हरे-भरे और साफ़-सुथरे पंजाब के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्बन उत्सर्जन को घटाने में मददगार होगा, बल्कि सतत विकास की दिशा में भी बड़ा कदम साबित होगा।