चंडीगढ़, 26 सितंबर। पल्स पोलियो 2021-22 के दूसरे उप राष्ट्रीय टीकाकरण (एसएनआईडी) दौर की शुरुआत हरियाणा में आज मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा करनाल जिले में की गई।
इसमें 25.7 लाख बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। जिनमें से 5 वर्ष से कम उम्र के लगभग 13.21 लाख (51%) बच्चों को आज पोलियो की दवा पिलाई गई है।
इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि अधिकांश जिलों में बूथों का उद्घाटन विधायक/उपायुक्त/नगर पार्षद/सिविल सर्जन या अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया गया है।
उन्होंने कहा कि परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, विधायक सीमा त्रिखा एवं विधायक विधायक राजेश नागर ने फरीदाबाद जिले में एसएनआईडी राउंड का उद्घाटन किया।
विधायक पलवल दीपक मंगला ने जिला पलवल में एसएनआईडी राउंड का उद्घाटन किया। साथ ही, जिला गुड़गांव में, विभिन्न क्षेत्रों में 2 विधायकों द्वारा गतिविधि का उद्घाटन किया गया जिसमें विधायक सुधीर सिंह ने गुरुग्राम में और विधायक राकेश ने दौलताबाद में की।
प्रवक्ता ने कहा कि राज्य के 13 चिन्हित जिलों अंबाला, फरीदाबाद, गुड़गांव, झज्जर, करनाल, कुरुक्षेत्र, मेवात, पलवल, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सोनीपत और यमुनानगर में पोलियो मुक्त स्थिति बनाए रखने के लिए आज से टीकाकरण शुरू हो गया है।
उन्होंने विस्तार से बताया कि गतिविधि के पहले दिन बूथ गतिविधि की गई थी। कोविड-19 महामारी के वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए सभी स्वास्थ्य अधिकारी और फ्रंट लाइन वर्कर पूरी सावधानी के साथ काम कर रहे हैं जैसे व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, मास्क, सैनिटाइज़र, दस्ताने आदि का उपयोग करने के साथ साथ टीमें हाथ की स्वच्छता, श्वसन स्वच्छता और सामाजिक दूरी करने के उपायों का पालन कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि पहले दिन बूथ गतिविधि के दौरान छूटे हुए बच्चों को 27 सितंबर और 28 सितंबर को उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों जैसे झुग्गी-झोपड़ियों, अलग-अलग झोपड़ियों, ईंट भट्टों, फ्लोटड/ पलायन करने वाली आबादी और घर-घर जाकर पोलियो की बूंदें पिलाई जाएंगी।
इस अभियान को सुचारू रूप से चलाने के लिए, लगभग 11555 बूथ स्थापित किए गए और इनमें लगभग 50,000 स्वास्थ्य अधिकारी/स्वयंसेवक/आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/आशा वर्कर आदि थे। लगभग 2100 अधिकारियों/कर्मचारियों ने एनपीएसपी-डब्ल्यूएचओ के स्वतंत्र मॉनिटरों के अलावा गतिविधि की निगरानी की।
एनपीएसपी-डब्ल्यूएचओ के स्वतंत्र मॉनिटरों के अलावा सभी जिलों में लगभग 500 फील्ड पर्यवेक्षकों और प्रत्येक जिले में 5-6 जिला पर्यवेक्षकों ने गतिविधि का पर्यवेक्षण किया।