चंडीगढ़, 11 नवंबर। punjab assembly session में आज शिरोमणि अकाली दल विभिन्न मुद्दों पर सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के निशाने पर आ गया।
चन्नी ने कई मौकों पर अकालियों को घेरा।
इस दौरान सदन में शोरशराबा भी हुआ।
चन्नी ने कहा कि अकालियों ने राज्यों को और अधिक अधिकार देने के मुद्दे को राजनीति के संकुचित नजरों से देखा।
अकालियों ने चंडीगढ़ को पंजाब के हवाल करने व श्री आनन्दपुर साहिब के प्रस्ताव जैसे मुद्दों को भी इसी तरह देखा।
punjab assembly session में चन्नी ने आरएसएस व बीजेपी को भी लपेटा
सीएण चन्नी ने punjab assembly session के दौरान अकालियों की आड़ में आरएसएस पर भी निशाने साधे।
उन्होंने कहा कि वह एक ज़रिया हैं जिसके द्वारा आरएसएस राज्य में अपनी पकड़ बनाने में कामयाब रही।
उन्होंने कहा कि आरएसएस Punjab के हितों से खेलता रहा है।
चन्नी ने कहा कि पंजाब पर कुछ फैसले जबरन थोपे गए।
उन्होंने कहा कि जब 370 को रद्द करके देश के संघीय ढांचे को चोट पहुंचाई तो अकालियों ने उनका पक्ष लिया।
यहां तक कि अकाली दल प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने इस गैर लोकतांत्रिक कदम के खिलाफ वोट तक नहीं डाला।
पीएम व गृह मंत्री से मुलाकातों पर दिया जवाब
सीएम चन्नी ने पीएम नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकातों पर उठे विवादों पर भी जवाब दिए।
उन्होंने कहा कि दोनों के साथ उनकी मुलाकात एक शिष्टाचार मुलाकात थी।
‘‘शायद अकाली इस बात को भूल गए हैं कि मैंने केंद्र को पत्र लिखकर श्री करतारपुर साहिब गलियारा फिर खोलने पर जोर दिया था।
चन्नी ने कहा कि इसके साथ-साथ तीन काले कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए बार-बार विनती की है।’’
सुरक्षा के मुद्दे पर स्टैंड लिया – चन्नी
चन्नी ने कहा कि सुरक्षा मुद्दों पर केंद्र सरकार के साथ बैठकों के दौरान उन्होंने हमेशा यह एक सुर में स्टैंड लिया।
वे इस बात पर जोर देते रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय सरहदों को सील किया जाना चाहिए।
मैंने कभी भी उनको राज्य में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के लिए नहीं कहा।
चन्नी ने सफाई दी कि उनके ऊपर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।
सीएम चन्नी ने punjab assembly session में दोहराया कि वे इस कदम का सख्त विरोध करते हैं।
उन्होंने अकालियों को सत्ता के भूखे लोग करार दिया।
उन्होंने कहा कि अकालियों ने सत्ता के लालच के लिए बसपा के साथ हाथ मिलाया।
अकालियों ने केंद्र में भाजपा के सत्ता में आने पर बसपा को छोड़ दिया।