चंडीगढ़, 7 जून। पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने विभागों के उच्च अधिकारियों और सभी डिप्टी कमिश्नरों को बाढ़ की रोकथाम से जुड़े कामों की की स्थिति और तैयारियों का जायजा लेने के लिए फील्ड में उतरने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आने वाले मानसून सीजन दौरान किसी भी स्थिति के साथ निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि राज्य में बड़ी संख्या में काम प्रगति अधीन है जो मानसून शुरू होने से पहले पूरे कर लिए जाएंगे। बाढ़ के सीजन के लिए की जा रही तैयारियों का नोटिस लेते हुए मुख्य सचिव ने डिप्टी कमिश्नरों को पिछली घटनाओं को ध्यान में रखते अलग- अलग रणनीतक स्थानों पर मिट्टी के साथ भरे ई.सी. बैगों का स्टाक रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डिप्टी कमिशनर अपने- अपने जिलों में किए गए कामों का जायज़ा लेने और अपने अधिकार क्षेत्र अधीन संवेदनशील स्थानों का दौरा कर समीक्षा करे।
मुख्य सचिव ने जल स्रोत विभाग द्वारा पहली बार स्टेट डिज़ास्टर मिटीगेशन फंड ( एस.डी.एम.एफ.) 65 काम कर रहा है। इसके अलावा मनरेगा के अधीन और उनके साथ मिल कर लगभग 150 करोड़ रुपए के 716 काम किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्राथिकमता और जरूरत के आधार पर स्टेट फंड के द्वारा लगभग 81 करोड़ रुपए के 327 काम किये जाने का प्रावधान है। इस तरह इस बार ड्रेन के किनारों पर बांस के पौधे लगाने की कदम उठाया गया है जो कि पहली बार हो रहा है। बांस के पौधे प्राकृतिक रुकावट के तौर पर काम करते है और ड्रेन के किनारों को होने वाले नुक्सान को रोकते हैं। बाढ़ की रोकथाम के लिए चेक डैम बनाए जा रहे हैं।
मुख्य सचिव वर्मा ने एनएचएआई, लोक निर्माण विभाग और मंडी बोर्ड को बाढ़ के पानी में आने वाली संभावित रुकावटों को दूर करने के निर्देश दिए जिससे पानी के बहाव में कोई रुकावट न आए। एनएचएआई ने कहा कि मानसून की शुरुआत से पहले ड्रेन की सफाई को यकीनी बनाया जाएगा।