टांडा, 5 दिसंबर। Punjab Government (पंजाब सरकार) लुप्त हो रही alligator की प्रजाति को बचाने के लिए गंभीरता से काम करेगी।
(Government of Punjab will work seriously to save the endangered alligator species.)
यह जानकारी वन्य जीव मंत्री संगत सिंह गिलजियां ने दी।
(This information was given by Wildlife Minister Sangat Singh Giljian.)
इस मौके पर ब्यास कंजरवेशन रिजर्व में ब्यास नदी में 24 घड़ियाल छोड़े गए।
यह काम Gharial Rehabilitation Project के 3rd phase के तहत चल रहा है।
इसी कड़ी में आज टांडा के गांव कुल्ला फत्ता के जंगलों में ब्यास दरिया में 24 घडिय़ाल छोड़े गए।
(24 crocodiles were released today in the Beas river in the jungles of Tanda.)
alligator की लुप्त प्रजाति को बचाने को चल रहा यह काम
वन मंत्री ने बताया कि इस दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं।
एक मोबाइल एप्प लॉन्च किया गया है।
अब लोगों के लिए लाइसेंस लेने के लिए NOC की प्रक्रिया को आसान कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि alligator प्रजाति विश्व स्तर पर लुप्त होने की कगार पर है।
यह प्रजाति केवल उत्तर भारत की गंगा, यमुना, चंबल, बांग्लादेश व नेपाल की कुछ नदियों में ही पाई जाती है।
उन्होंने बताया कि alligator वर्ष 1960 तक ब्यास दरिया में आम देखा जाता था।
इसके बाद से ही पंजाब (Punjab) में इसके सरंक्षण के लिए कार्य शुरु कर दिया गया।
गिलजियां ने बताया कि सर्वेक्षण से पता चला है कि Gharial releasing point से पूरे ब्यास दरिया में फैल रहे हैं।
Beas Conservation Reserve के सर्वेक्षणों के दौरान इन घडिय़ालों को 40 से 50 प्रतिशत की संख्या में देखा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पहले फेस में 2017-18 में अमृतसर व तरनतारन में 47 घडिय़ाल पहले छोड़े गए थे।
2020-21 में होशियारपुर जिले के सलेमुपर व टाहली जंगल के साथ लगते रिजर्व इलाके में 23 घडिय़ाल छोड़े गए थे।
मंत्री ने इस मौके पर Wild life Wing की alligator coffee table book को launch किया।
उन्होंने नई वैबसाइट https://wildlife.punjab.gov.in/index की भी शुरुआत की।
इस मौके पर, मुख्य वन पाल(जंगली जीव) चर्चिल कुमार भी मौजूद थे।
विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहे।