वर्कशॉप का उद्देश्य मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की इच्छा अनुसार ऑनलाइन फैलने वाली गलत जानकारी से निपटने के लिए पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण देना
चंडीगढ़, 16 फरवरीः
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की इच्छा अनुसार पुलिस अधिकारियों/ कर्मचारियों को ऑनलाइन फैलने वाली गलत सूचनाओं के साथ निपटने और जनता में इसके प्रसार को रोकने सम्बन्धी ढंगों के बारे जागरूक करने के उद्देश्य के साथ पंजाब पुलिस के साईबर क्राइम डिविज़न ने मेटा (फेसबुक) और मिसइनफॉर्मेशन कॉम्बैट अलायंस के नुमायंदों के सहयोग के साथ साईबर स्पेस में ‘डीप फेक’ की पहचान करने और इसके द्वारा अश्लील सामग्री तैयार करके इसके प्रसार की संभावना पर एक दिवसीय वर्कशाप करवाई गई। यह वर्कशाप डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव के दिशा-निर्देशों पर करवाई गई।
डीप फेक एक चित्र, ऑडियो-वीडियो है जिसमें किसी असली व्यक्ति को डिजिटल रूप में एडिट करके किसी अन्य के साथ हू-ब-बू मिला दिया जाता है और यह देखने को बिल्कुल असली लगता है।
प्रशिक्षण प्रोग्राम के दौरान मेटा के साथ मिसइनफॉर्मेशन कॉम्बैट अलायंस (एमसीए) टीम ने ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर गलत जानकारी की पहचान करने, हटाने और इससे निपटने के लिए अलग-अलग ढंगों के बारे चर्चा की। इस प्रोग्राम में सभी जिलों में तैनात अलग-अलग रैंकों के 150 से अधिक पुलिस मुलाज़िमों ने हिस्सा लिया।
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य डीप फेक के द्वारा पैदा की गलत और झूठी जानकारी से निपटने के लिए सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध साधनों और ढंगों का प्रयोग करके पंजाब पुलिस की क्षमता को बढ़ाना था।
वर्कशॉप में हिस्सा लेते हुये एडीजीपी साईबर क्राइम वी. नीरजा ने कहा कि गलत जानकारी और डीप फेक का मुद्दा नागरिकों के लिए, ख़ास कर प्रमुख व्यक्तियों, मशहूर हस्तियों और जन शख्सियतों के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने आगे कहा कि साईबर स्पेस को प्रयोक्ताओं के लिए सुरक्षित ज़ोन बनाने के मंतव्य के साथ पंजाब पुलिस मुख्य भाईवालों के साथ काम करना जारी रखेगी। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब पुलिस डीप फेक के खतरों के प्रभावी हल अपनाने के लिए वचनबद्ध है।
उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण पंजाब पुलिस को नागरिकों के दरमियान सही जानकारी के प्रसार के लिए सोशल मीडिया के प्रभावशाली प्रयोग के लिए भी सक्षम बनाएगा। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब में अधिकारी ऐसी गलत और झूठी जानकारी के साथ निपटने और समय पर सही जानकारी के प्रसार के लिए नवीन तकनीकें अपनाने के लिए अपनी क्षमता में विस्तार कर रहे हैं।
डीआईजी साईबर क्राइम नीलांबरी वी जगदले ने कहा कि साईबर स्पेस में गलत जानकारी/ डीप फेक के फैलाव को रोकने के लिए, पंजाब पुलिस की तरफ से रैपिड इन्फर्मेशन कम्यूनिकेशन नैटवर्क ( आरआईसीऐन) भी तैयार किया गया है जिससे लोगों को साईबर धोखेबाज़ों के काम करने की विधियों के बारे जागरूक किया जा सके। स्टेट साईबर क्राइम सेल, एस. ए. एस. नगर, पंजाब द्वारा लोगों को साईबर सुरक्षा, सुरक्षित साईबर नियमों और अलग- अलग किस्मों के साईबर अपराधों से सुरक्षा के बारे जागरूक करने के लिए अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर ऐसे अकाउँट भी बनाऐ गए हैं।