चंडीगढ़, 28 जुलाई। पंजाब सरकार ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जिससे जलवायु परिवर्तन के गंभीर मामले पर तेज़ी से कार्यवाही होगी। पंजाब सरकार द्वारा जलवायु सम्बन्धी चिंताओं का मुकम्मल रूप से संबोधन करने के लिए यू.के. स्थित विश्व व्यापक नेटवर्क वाली अंडर 2 कुलीशन आपसी सहमति का समझौता (एम.ओ.यू.) हुआ।
पर्यावरण मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने कहा कि इस समझौते के साथ पंजाब राज्य 43 देशों के 221 राज्यों के मजबूत नेटवर्क का मेंबर बन गया, जो पेरिस समझौते की भावना के अनुसार कार्बन-डायऑक्साईड और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को घटाने के लिए काम कर रहा है। पेरिस समझौता साल 2015 में करवाई यू.एन.एफ.सी.सी.-सी.ओ.पी. 21 के दौरान अपनाया गया था और यह एक कानूनी तौर पर बाईडिंग अंतरराष्ट्रीय संधि है जिसका उद्देश्य वैश्विक तापमान को 2 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने पर प्राथमिक रूप से पूर्व औद्योगिक स्तर पर 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना है, जिससे जलवायु परिवर्तन के जोखिम और बुरे प्रभाव से बचा जा सके। पंजाब इस अंतरराष्ट्रीय फोरम में शामिल होने वाला उत्तर भारत का जम्मू-कश्मीर के बाद दूसरा और छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, पश्चिमी बंगाल और महाराष्ट्र समेत छठा राज्य है।
इस समझौते का महत्व और अधिक बढ़ जाता है जब जलवायु परिवर्तन के बुरे प्रभाव जैसे कि मौसम के पैटर्न में बदलाव, जिसके कारण भोजन उत्पादन पर पड़ रहे बुरे प्रभाव, समुद्र के बढ़ते स्तर के साथ विनाशकारी बाढ़ और स्वास्थ्य सम्बन्धी जोखिम बढ़ रहे हैं। भारत वैश्विक जलवायु जोखिम सूची 2021 में सातवें स्थान पर होने के साथ-साथ उच्च जोखिम वाले देशों में से एक है। पंजाब समेत भारत के कृषि प्रधान राज्यों को ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले गंभीर नुकसानदेह प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है।
पर्यावरण मंत्री ने इस प्रयास की सराहना करते हुए आशा अभिव्यक्त की कि यह समझौता जलवायु परिवर्तन के खतरों का सामना करने के लिए गतिविधियाँ करने, रणनीतिक ज्ञान प्राप्त करने और तकनीकी सहायता का प्रयोग करने में मदद करेगा। उन्होंने पंजाब के समूह नागरिकों को पर्यावरण और प्रकृति के अनुकूल जीवन शैली अपनाने की भी अपील की।
श्री मीत हेयर ने जलवायु सम्बन्धी पेश आ रही चुनौतियों को अवसरों में बदल कर एक मजबूत और जलवायु मज़बूत ईको सिस्टम तैयार करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पंजाब सरकार राज्य के जलवायु परिवर्तन संबंधी चिंताओं का समाधान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय संगठित एजेंसियों के साथ सहयोग करने की इच्छुक है।
यह समझौता पंजाब सरकार द्वारा पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के डायरेक्टर डॉ. मनीष कुमार और अंडर 2 कुलीशन द्वारा भारत में क्लाइमेट ग्रुप के कार्यकारी निदेशक दिव्या शर्मा ने हस्ताक्षर किए। क्लाइमेट ग्रुप जोकि अंडर कुलीशन के लिए बतौर सचिवालय काम कर रहा है, एक अंतराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संस्था है, जिसका मुख्यालय लंदन में है और नई दिल्ली एवं न्यूयॉर्क में इस संस्था के कार्यालय हैं।
विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण विभाग के सचिव राहुल तिवाड़ी ने बताया कि अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय फोरमों पर राज्य की प्रमुख उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के अलावा ज्ञान और विचारों के आदान-प्रदान द्वारा जलवायु समूह और अंडर 2 कुलीशन गठजोड़ के सदस्यों की तकनीकी सहायता के साथ जलवायु अनुकूल के अपने प्रयासों को मजबूत करने में सहयोग प्राप्त होना सुनिश्चित रूप से पंजाब के लिए लाभप्रद होगा। उन्होंने यह भी बताया कि यह समझौता जलवायु परिवर्तन सम्बन्धी पेरिस समझौते (जिस पर भारत एक हस्ताक्षर है) के अनुकूल ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को घटाने के लिए राष्ट्री प्रतिबद्धता को पूरा करने में सहायक होगा।
अंडर 2 कुलीशन के डायरेक्टर टिम एसवाई ने कहा कि यह समझौता जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और ग्लोबल सिद्धांतों के अनुसार 2050 तक ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को घटाने के लिए आपसी सहयोग के साथ काम करेगा। इस मौके पर पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग के संयुक्त डायरेक्टर गुरहरमिन्दर सिंह और दक्षिण एशिया सरकारी संपर्क क्लाइमेट ग्रुप के मैनेजर राणा पुजारी भी उपस्थित थे।
इस समझौते का महत्व और अधिक बढ़ जाता है जब जलवायु परिवर्तन के बुरे प्रभाव जैसे कि मौसम के पैटर्न में बदलाव, जिसके कारण भोजन उत्पादन पर पड़ रहे बुरे प्रभाव, समुद्र के बढ़ते स्तर के साथ विनाशकारी बाढ़ और स्वास्थ्य सम्बन्धी जोखिम बढ़ रहे हैं। भारत वैश्विक जलवायु जोखिम सूची 2021 में सातवें स्थान पर होने के साथ-साथ उच्च जोखिम वाले देशों में से एक है। पंजाब समेत भारत के कृषि प्रधान राज्यों को ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले गंभीर नुकसानदेह प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है।
पर्यावरण मंत्री ने इस प्रयास की सराहना करते हुए आशा अभिव्यक्त की कि यह समझौता जलवायु परिवर्तन के खतरों का सामना करने के लिए गतिविधियाँ करने, रणनीतिक ज्ञान प्राप्त करने और तकनीकी सहायता का प्रयोग करने में मदद करेगा। उन्होंने पंजाब के समूह नागरिकों को पर्यावरण और प्रकृति के अनुकूल जीवन शैली अपनाने की भी अपील की।
श्री मीत हेयर ने जलवायु सम्बन्धी पेश आ रही चुनौतियों को अवसरों में बदल कर एक मजबूत और जलवायु मज़बूत ईको सिस्टम तैयार करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पंजाब सरकार राज्य के जलवायु परिवर्तन संबंधी चिंताओं का समाधान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय संगठित एजेंसियों के साथ सहयोग करने की इच्छुक है।
यह समझौता पंजाब सरकार द्वारा पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के डायरेक्टर डॉ. मनीष कुमार और अंडर 2 कुलीशन द्वारा भारत में क्लाइमेट ग्रुप के कार्यकारी निदेशक दिव्या शर्मा ने हस्ताक्षर किए। क्लाइमेट ग्रुप जोकि अंडर कुलीशन के लिए बतौर सचिवालय काम कर रहा है, एक अंतराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संस्था है, जिसका मुख्यालय लंदन में है और नई दिल्ली एवं न्यूयॉर्क में इस संस्था के कार्यालय हैं।
विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण विभाग के सचिव राहुल तिवाड़ी ने बताया कि अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय फोरमों पर राज्य की प्रमुख उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के अलावा ज्ञान और विचारों के आदान-प्रदान द्वारा जलवायु समूह और अंडर 2 कुलीशन गठजोड़ के सदस्यों की तकनीकी सहायता के साथ जलवायु अनुकूल के अपने प्रयासों को मजबूत करने में सहयोग प्राप्त होना सुनिश्चित रूप से पंजाब के लिए लाभप्रद होगा। उन्होंने यह भी बताया कि यह समझौता जलवायु परिवर्तन सम्बन्धी पेरिस समझौते (जिस पर भारत एक हस्ताक्षर है) के अनुकूल ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को घटाने के लिए राष्ट्री प्रतिबद्धता को पूरा करने में सहायक होगा।
अंडर 2 कुलीशन के डायरेक्टर टिम एसवाई ने कहा कि यह समझौता जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और ग्लोबल सिद्धांतों के अनुसार 2050 तक ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को घटाने के लिए आपसी सहयोग के साथ काम करेगा। इस मौके पर पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग के संयुक्त डायरेक्टर गुरहरमिन्दर सिंह और दक्षिण एशिया सरकारी संपर्क क्लाइमेट ग्रुप के मैनेजर राणा पुजारी भी उपस्थित थे।