नई दिल्ली, 22 अक्तूबर। Pharmaceutical Park के लिए पंजाब ने कवायद शुरू की है।
पंजाब Pharmaceutical Park को बठिंडा में बनाना चाहता है। इसके पक्ष में पंजाब ने कई तर्क रखे हैं।
इस सिलसिले में वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने फार्मास्यूटीकल मामलों के केंद्रीय मंत्री मनसूख एल. मांडविया से भेंट की।
Pharmaceutical Park इस तरह होगा देश के लिए फायदेमंद
उन्होंने बठिंडा में Pharmaceutical Park की उपयोगिता पर कई बिंदू गिनाए।
बादल ने कहा कि यह पार्क पूरे देश, खासतौर पर उत्तरी भारत के राज्यों के लिए लाभकारी साबित होगा।
इससे सूबे की आर्थिक स्थिति में और तेजी आएगी।
मनप्रीत सिंह बादल ने बताया कि सरहदी राज्य है और युवाओं को रोजगार देना जरूरी है।
बठिंडा में पार्क बनने से करीब 100,000 लोगों को प्रत्यक्ष व करीब 200,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रोज़गार मिलेगा।
वित्त मंत्री ने बताया कि बठिंडा में ‘‘A’’ लेवल का रेलवे स्टेशन है।
साथ ही 1350 एकड़ से अधिक ज़मीन और तेल रिफायनरी है जो फार्मा पार्क के लिए उपयुक्त है।
इसके साथ ही 134 एकड़ में मौजूद पानी के विभिनन स्रोत और झीलें भी हैं।
उन्होंने बताया कि फार्मा उद्योग को यूएसएफडीए से मंजूरशुदा बड़ी फार्मास्यूटीकल कंपनियों से भी सहायता मिलेगी।
इसके अलावा Pharmaceutical Park से दूसरे बड़े संस्थानों को भी फायदा पहुंचेगा।
पार्क बनाने से आर एंड डी ईकोसिस्टम, नाईपर, आईसर और नैनो टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (मोहाली) को फायदा होगा।
इसी तरह ऑल इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैडीकल साइंसिज़ (एम्स, बठिंडा) और माईक्रोबायल टेक्नोलॉजी संस्थान, बठिंडा का लाभ मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री ने इन बिंदुओं को ध्यान से सुना और मामले में सहयोग का भरोसा दिया।
उन्होंने कहा कि इस फार्मा पार्क के लिए वह बठिंडा को सबसे अधिक प्राथमिकता देंगे।

