चंडीगढ़, 12 जून। पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां एसीएस -एफसी (कराधान) विकास प्रताप,और आबकारी और कराधान आयुक्त वरुण रूज्म को निर्देश दिए कि मेथनौल की अंतरराज्यीय आवाजाही की निगरानी करने के लिए एक मज़बूत ढांचा बनाने का मुद्दा केंद्र सरकार के सामने उठाने के निर्देश दिए हैं, जिससे इस रसायन की जहरीली शराब बनाने के लिए किये जाने वाले दुरुपयोग के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
अप्रैल और मई महीनों के लिए आबकारी विभाग की एनफोर्समेंट गतिविधियों का जायजा लेते हुए मंत्री चीमा ने विभाग को कहा कि वह केंद्र सरकार से मेथेनॉल की बिक्री और गतिविधि, खासतौर पर इस रसायन की ऑनलाइन बिक्री पर नजर रखने के लिए एक मजबूत एनफोर्समेंट तंत्र बनाने की मांग करें। उन्होंने कहा कि यह पहलकदमी गैर-कानूनी अल्कोहल के उत्पादन के लिए मेथेनॉल का दुरुपयोग को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे ‘हूच दुखांतों’ को रोका जा सकता है।
इससे पहले, अप्रैल और मई 2024 के दौरान विभाग की एनफोर्समेंट गतिविधियों का विवरण देते हुए एसीएस विकास प्रताप ने कैबिनेट मंत्री को बताया कि इस समय एनफोर्समेंट द्वारा उठाए गए कदमों के चलते 869 एफआईआर दर्ज करके 721 गिरफ्तारियां की गई हैं, 14011 लीटर नाजायज शराब और 3450 लीटर ई. एन. ए बरामद की गई है, 1679907 लीटर लाहन बरामद और नष्ट की गई और पीऐमऐल/ आईऐमऐफऐल/ बीयर की 96476 बोतलें ज़ब्त की गई हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की टीमों द्वारा शराब की तस्करी, ई. एन. ए की तस्करी और आबकारी से सम्बन्धित अन्य जुर्मों विरुद्ध के तीखी कार्यवाही की जा रही है।
चीमा ने विभाग के अधिकारियों की पीठ थपथपाते हुए अधिकारियों को अपनी गतिविधियों को और तेज करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार यह यकीनी बना रही है कि राज्य में गैर-कानूनी शराब के कारोबार की किसी भी संभावना को जड़ से खत्म करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाए।