मुख्यमंत्री ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों का लिया आशीर्वाद
राधा स्वामी सत्संग व्यास द्वारा समाज सेवा में किए जा रहे असाधारण कार्य बेहद सराहनीय- मनोहर लाल
चंडीगढ़, 11 सितंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास सही मायने में एकात्म मानववाद के सिद्धांत को चरितार्थ कर रहा है। उनके द्वारा समाज के प्रति सेवा भाव से किए जा रहे कार्य अति सराहनीय हैं।
मुख्यमंत्री ने आज राधा स्वामी सत्संग ब्यास (अमृतसर) पहुंचकर बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों जी से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान उन्होंने डेरे का दौरा भी किया।
मुख्यमंत्री डेरे में रखी जा रही सफाई व्यवस्था को देख कर दंग रह गए और कहा कि यह संस्था प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के विज़न से भी एक कदम आगे बढ़ कर कार्य कर रही है जो मानवता के प्रति सच्ची सेवा है।
मुख्यमंत्री ने पुस्तकालय का भी दौरा किया। उन्होंने सुझाव दिया कि इस पुस्तकालय में ऐसे साहित्य की किताबों का भी समावेश होना चाहिए, जो समाज को एक सूत्र में पिरोने का कार्य करे और एकात्म मानववाद का दर्शन कराए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत वर्ष ऋषि-मुनियों, पीर-पैगम्बरों की धरा है और प्राचीन समय से ही समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने में संत-महापुरुषों का अतुल्य योगदान रहा है। राधा स्वामी सत्संग स्थल द्वारा समाज सेवा में किए जा रहे असाधारण कार्य बेहद सराहनीय हैं। हरियाणा के सिरसा जिले के सिकंदरपुर गांव में भी राधा स्वामी सत्संग ब्यास का विस्तृत स्थल है।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने महापुरुषों की शिक्षाओं को आज की युवा पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए संत महापुरुष सम्मान एवं विचार प्रचार-प्रसार योजना शुरू की है। उन्होंने बताया कि हमने 2014 में सत्ता संभालते ही प्रदेश में सामाजिक समरसता का संदेश देने की शुरुआत की थी और संत-महापुरुषों की जयंतियां सरकारी स्तर पर मनाने की पहल की, जो पूरे देश में अपनी तरह की एक अनूठी पहल है। उन्होंने कहा कि युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए नशा मुक्त हरियाणा बनाने के अभियान में भी सरकार ने संत-महापुरुषों का सहयोग लेने की पहल की है।
उल्लेखनीय है कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास (आरएसएसबी) अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ एक धार्मिक संगठन है, जो मौलिक आध्यात्मिक विश्वास द्वारा निर्देशित है। इस संस्था की स्थापना 1891 में भारत में हुई और धीरे-धीरे इसका फैलाव अन्य देशों में भी हुआ। आज यह दुनियाभर के 90 से अधिक देशों में बैठकें आयोजित करता है। यह एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो समाज की भलाई के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। राधा स्वामी सत्संग ब्यास की शिक्षाओं का केंद्र यह है कि मानव जीवन का एक आध्यात्मिक उद्देश्य है – हम सभी में निवास करने वाले ईश्वर की दिव्यता का अनुभव करना है।