कृषक समाज से निरंतर संवाद कायम रखना जरूरी: प्रो. बृज किशोर कुठियाला
चंडीगढ़, 30 मार्च – चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में ‘कृषि वैज्ञानिकों का किसानों से संवाद- कृषि विश्वविद्यालय की उपलब्धियां‘ विषय पर मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के सभागार में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने बतौर मुख्यातिथि एवं प्रस्तोता व अध्यक्षता पूर्व अध्यक्ष, हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद् पंचकूला, पूर्व कुलपति, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल एवं अध्यक्ष, पंचनद शोध संस्थान, चण्डीगढ़ के प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने की।
विशिष्ठ अतिथि हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग के पूर्व अध्यक्ष जगजीत सिंह घनघस रहे। यह गोष्ठी पंचनद शोध संस्थान, अध्ययन केन्द्र, हिसार व चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई।
प्रो. बी.आर. काम्बोज ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा लगातार किए जा रहे शोध कार्यों, उच्च तकनीकों तथा किसानों की कड़ी मेहनत के कारण प्रदेश के खाद्यान्न उत्पादन में रिकार्ड बढ़ोतरी हुई है। खाद्यान्न उत्पादन जो प्रदेश के गठन के समय मात्र 2.59 मिलियन टन था जो 7 गुणा बढक़र वर्ष 2022-23 में 18.43 मिलियन टन हो गया है। हरियाणा प्रदेश क्षेत्रफल की दृष्टि से अन्य प्रदेशों से छोटा है जबकि केन्द्रीय खाद्यान्न भण्डार में योगदान देने वाला दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। देश के 60 प्रतिशत से अधिक बासमती चावल का निर्यात केवल हरियाणा से ही होता है। हरियाणा राज्य बाजरा, दलहन व तिलहन के उत्पादन में देशभर में अग्रणी है।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा किसानों को उच्च गुणवत्ता के प्रमाणित बीज उपलब्ध करवाने के लिए 20 हजार क्विंटल से अधिक विभिन्न फसलों के बीज तैयार कर किसानों को वितरित किए जा रहे हैं। कृषि तकनीकी को किसानों तक पहुंचाना विश्वविद्यालय का एक ध्येय है, इसी कड़ी में विश्वविद्यालय द्वारा 6.50 लाख किसानों को मौसम एवं कृषि संबंधी जानकारी नियमित रूप से उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के प्रत्येक गांव के 20-20 किसानों का डाटा बेस एकत्रित किया गया है जिसके माध्यम से कृषि संबंधी जानकारियां प्रदान की जा रही हैं।
प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि विकसित भारत के मिशन में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने किसानों एवं युवाओं से संवाद स्थापित करने के साथ-साथ कृषकों को कृषि क्षेत्र की ओर आकर्षित करने का भी आह्वान किया तथा कृषि को आकर्षक बनाने के लिए युवाओं में सामाजिक, आर्थिक व मनौविज्ञानिक बदलाव की जरूरत है। बड़े हर्ष की बात है कि हकृवि किसानों से सीधे तौर पर जुडक़र न केवल नई-नई तकनीक व किस्में किसानों तक पहुंचा रहा है बल्कि किसानों की समस्याओं के फीडबैक के आधार पर अपने शोध को गति भी प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि पंचनद हकृवि के माध्यम से किसानों से संवाद शुरू करने की मुहिम को ओर अधिक गति प्रदान करेगा। उन्होंने कृषि क्षेत्र में कीटनाशकों एवं रासायनिक उर्वरकों के संतुलित प्रयोग पर बल दिया।
विशिष्ठ अतिथि जगजीत सिंह घनघस ने बताया कि राष्ट्र की प्रगति के लिए कृषि एवं पॉवर सैक्टर बहुत जरूरी है। प्रदेश में गत 10 वर्षो से उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मुहैया करवाने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र को 10 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली दी जा रही है। उन्होंने बताया कि लगभग 13 हजार लंबित कृषि नलकूप को भी बिजली से जोड़ा गया है। किसानों को सोलर पंप के माध्यम से सिंचाई करने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।
मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता व उपाध्यक्ष डॉ. नीरज कुमार ने गोष्ठी में आए सभी का धन्यवाद किया तथा मंच का संचालन सचिव मोहित कुमार ने किया।
इस अवसर पर राज्य सूचना आयुक्त, हरियाणा एवं पंचनद शोध संस्थान, अध्ययन केन्द्र, हिसार के अध्यक्ष डॉ. जगबीर सिंह सहित पंचनद संस्थान के अनेक पदाधिकारी, वैज्ञानिक, किसान व छात्र उपस्थित थे।